आदित्य टाइम्स संवाद सुजीत वर्मा ब्यूरो चीफ
जौनपुर। पांच वर्षों में जिले के लोगों ने परिवहन विभाग को 280 करोड़ रुपये का रोड टैक्स जमा किया है। इसके बाद भी गांव तो छोड़िए शहर में भी मुकम्मल सड़क चलने को नसीब नहीं हुई है। नई सड़कें तो बनीं नहीं, पुरानी की मरम्मत भी ठीक से नहीं कराई गई। लोक निर्माण विभाग की ओर से मरम्मत के नाम पर केवल औपचारिकता की गई। शहर के सद्भावना से
कलेक्ट्रेट मार्ग, पॉलिटेक्निक से रुहट्टा, पॉलिटेक्निक से मड़ियाहूं मार्ग, नईगंज से ओलंदगंज मार्ग, कोतवाली से कुद्दूपुर तिराहा आदि मुख्य मार्ग जर्जर हैं। लिंक मार्गों की हालत और भी खराब है। लोगों की मानें तो शहर की सड़कों की मरम्मत के नाम पर सिर्फ पैचिंग की गई है। करीब एक महीने पहले भी कुछ सड़कों की मरम्मत के नाम पर पैचिंग की गई है। बीच-बीच में कुछ पैचवर्क होता है, लेकिन सड़क पर ट्रैफिक का दबाव इतना
अधिक है कि यह पैचवर्क शाम तक भी नहीं टिकता। सड़कों की इस हालत के लिए पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन दोनों की ढिलाई जिम्मेदार है। गांव में जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने के नाम पर खोदी गई सड़कों के गड्ढे अब तक नहीं भरे गए।