पत्रकार सईद हाशमी के सम्मान में काव्य गोष्ठी का आयोजन
अजवद क़ासमीजौनपुर:- नगर के मोहल्ला शेख मुहामीद स्थित अनवार मंज़िल शायर अनवारुल हक़ अनवार के आवास पर...
सच्ची-झूठी ख़बरों से टकराते रहते हैं।भारतीय हम,गीत सुरीले गाते रहते हैं।।
सुगीतिका÷÷÷÷÷÷÷÷आरम्भिका--सच्ची-झूठी ख़बरों से टकराते रहते हैं।भारतीय हम,गीत सुरीले गाते रहते हैं।।
बोध-1मँहगाई-डायन की घर-घर पूजा होती है।हाथ जोड़ कर...
आवा अमरित काल मनाई ,मड़ही पे झंडा फहराई
रचना : मोहन लाल यादव
आवा अमरित काल मनाईमड़ही पे झंडा फहराईफटा सुथन्ना पहिन के आवभूख प्यास रोटी बिसरावआव...
उतारेगी चार वर्ष में, पहनी हुई वर्दी।जाना न मेरे लाल! भुलावों की गली में।।
ग़ज़ल/गीतिका
22 12 121 12 2112 2ओढ़े-कफ़न सवाल, सभाओं की गली में।क्या-क्या हुआ बवाल,चुनावों की...
मनहूस मजहबी ढांचे में अब भरम न पाले जाएंगेमुस्कानों के सोदे ना होंगे सपने...
मोहन लाल यादव★एक गीत★मनहूस मजहबी ढांचे में अब भरम न पाले जाएंगेमुस्कानों के सोदे ना होंगे सपने ना उछाले जाएंगे
रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलजुग आएगाझूठ कहे तो जग पतियाए सच्चा मारा...
. ★रामचंद्र कह गए★
रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलजुग आएगाझूठ कहे तो जग पतियाए सच्चा मारा जाएगा
हो-हो कर करबद्ध जिन्हें मैं करता रहा प्रणाम!कितने कालातीत हो गये मन के अल्प...
****गीत ****
हो-हो कर करबद्ध जिन्हें मैं करता रहा प्रणाम!कितने कालातीत हो गये मन के अल्प -विराम!!
रोम-रोम उसने नख-शिख शृंगार किया।क्या जाने वह? यौवन, अभी अधूरा है।
****सुगीतिका ****÷÷÷÷÷÷आरम्भिका--मन-दर्पण में दर्शन, अभी अधूरा है।चिन्ता तो है चिन्तन, अभी अधूरा है।
बोध--1जिस...
जब पंछी पिजरा छोड़ि उड़ा, घिव से नहवाए होई,जब जेठ मे बिरवा सूखि गयो,...
. ★एक अवधी लोकगीत★
मोहनलाल यादव
जब पंछी पिजरा छोड़ि उड़ा, घिव से नहवाए होईजब जेठ...
कोयल व सिंहनाद व बंशी के भरम में। उड़ता हुआ हिरन वो बियाबान में...
ग़ज़ल
2212,12112, 2112, 2उसका ही दोष उसके गिरहबान में पहुँचा।थूका गया वो यूँ कि उगलदान...