जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रूपाली सक्सेना की अदालत ने 19 वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। यह फैसला पुरानी रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या करने के मामले में सुनाया गया।
घटना का विवरण
अभियोजन पक्ष के अनुसार, वादी विनोद सिंह (निवासी जवंसीपर, थाना नेवाढ़िया) ने मुकदमा दर्ज कराया था कि 29 अगस्त 2006 को दोपहर 1 बजे उसका 20 वर्षीय पुत्र कुंवर प्रताप सिंह स्नान करने जा रहा था। तभी गांव का मोनू उर्फ सचिन उसे अपने साथ चंदन और चंचल के घर ले गया।
घर के बरामदे में पहले से मौजूद वीरेंद्र और चंदन ने ललकारते हुए कहा, “मार डालो साले को!” इस पर चंचल ने कुंवर प्रताप सिंह के सीने में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना को वादी विनोद सिंह, दिलीप और रविंद्र नाथ ने अपनी आंखों से देखा था।
अदालत का फैसला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह द्वारा पेश किए गए गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने मोनू उर्फ सचिन, चंदन और वीरेंद्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
हालांकि, गोली चलाने वाले मुख्य आरोपी चंचल की पत्रावली उसके अवयस्क होने के कारण किशोर न्याय बोर्ड को अंतरित कर दी गई।