
जौनपुर। उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ की जिला इकाई के बैनर तले मंगलवार को अंबेडकर तिराहे पर परिषदीय शिक्षकों का विशाल जुटान हुआ। जिलाध्यक्ष अरविंद शुक्ला के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में शिक्षकों ने 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए सेवा व पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता पर गहरी आपत्ति जताई और इसे तत्काल समाप्त करने की मांग उठाई।
शिक्षकों ने कहा कि डेढ़-दो दशक पूर्व हुई नियुक्तियों के बाद टीईटी की बाध्यता थोपना नितांत अनुचित है। उस समय वे सभी निर्धारित योग्यता धारण किए हुए थे, इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश शिक्षकों के लिए मानसिक पीड़ा देने वाला है।
अंबेडकर तिराहे से निकला जुलूस
ज्ञापन सौंपने से पहले शिक्षक अंबेडकर तिराहे से नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट परिसर तक पहुंचे। इस दौरान परिसर देर तक “काला कानून वापस लो” और “रोज़ी-रोटी से खिलवाड़ नहीं चलेगा” जैसे नारों से गूंजता रहा।
महिला शिक्षकों की बड़ी भागीदारी
विरोध प्रदर्शन में महिला शिक्षकों की भारी मौजूदगी रही, जिन्होंने अपनी सेवा सुरक्षा और भविष्य की चिंता व्यक्त करते हुए अंत तक डटे रहे। मौके पर माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
हजारों शिक्षकों की उपस्थिति
विरोध में शामिल प्रमुख नामों में आलोक सिंह, संजय यादव, रविचंद्र, वीरेंद्र प्रताप सिंह, लालसाहब यादव, राजेश बहादुर सिंह, लक्ष्मीकांत सिंह, शिवेंद्र सिंह, राजेश सिंह मुन्ना, रमाशंकर पाठक, राकेश यादव, रेनू सिंह, सीमा सिंह, ऊषा यादव, कुमुदिनी अस्थाना, प्रियंका राजपूत, सुषमा सिंह, विजयलक्ष्मी यादव, मालविका सिंह, कविता, धर्मेंद्र यादव सहित हजारों शिक्षक मौजूद रहे।