संवाद सुजीत वर्मा ब्यूरो चीफ
जौनपुर। इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। मंगलवार को पारा जिले में 46 के पार चला गया। इंसान से लेकर पशु पक्षी भी बेहाल दिखे। सुबह होते ही जमीन तपने लगती है जिसके कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकलते हैं। गर्म हवाओं के कारण शरीर झुलसने लगता है। सड़कों पर ऐसा सन्नाटा पसर जाता है जैसे शहर में कफ्र्यू लगा हो। दुकानों पर ग्राहकों की संख्या छिटपुट ही रहती है। वहीं कूलर, एसी और पंखों की डिमांड बढ़ गयी है। पहले गर्मी को देखते हुए कुछ धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा राहगीरों को निः शुल्क पानी पिलाने की व्यवस्था की जाती थी लेकिन इस बार प्याऊ के दर्शन दुर्लभ है। गर्मी पूरे दिन बनी रहती है सांय होते ही तपन से कुछ राहत मिलती है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियां-बरसा रहा है रवि अनल भूतल तवा सा जल रहा। चल रहा सन-सन पवन तन से पसीना ढल रहा।। बरबस याद आ जाती है।