
जौनपुर। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर शुक्रवार को जौनपुर कलेक्ट्रेट परिसर में परिषदीय विद्यालयों के हजारों शिक्षक जुटे। शिक्षकों ने टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री व केंद्रीय शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
अमित सिंह ने कहा – सेवारत शिक्षकों को मिले राहत
जिलाध्यक्ष अमित सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “20–25 वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों पर अचानक टीईटी अनिवार्यता थोपना अन्यायपूर्ण है। 56 वर्ष के शिक्षक से यह कहना कि वह दोबारा प्रतियोगी परीक्षा पास करें, बेहद अमानवीय है।”
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र से हस्तक्षेप की मांग
शिक्षकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर के आदेश में केंद्र सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे और 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।
नारेबाजी और ज्ञापन सौंपा
सभा के बाद शिक्षकों ने “काला कानून वापस लो”, “शिक्षक शोषण बंद करो”, “टीईटी अनिवार्यता खत्म करो” जैसे नारों के साथ कलेक्ट्रेट में मार्च किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर माध्यमिक शिक्षक संघ, अटेवा समेत कई संगठनों के पदाधिकारी व सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।