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जौनपुर। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की तरफ से कलेक्ट्रेट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा व महामंत्री लाल बहादुर यादव का पंजीकरण अग्रिम आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। इन ऊपर कोरोना काल में मिले बजट से सहायता नहीं करने और उसे न लौटाने का आरोप है। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की तरफ से कोरोना संक्रमण के समय अधिवक्ताओं के वितरण के लिए प्रदेश की समस्त बार संघों को सहायता राशि दी गई थी। कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति के अधिवक्ताओं ने अवगत कराया कि धनराशि नहीं वितरित नहीं की गई। इसके बाद प्रकरण की जांच शुरू कराई गई। जांच में पाया गया कि अध्यक्ष व महामंत्री ने आश्वस्त किया था कि चार महीने में धनराशि का वितरण कर दिया जाएगा, यदि वितरण नहीं किया गया तोधनराशि बार काउंसिल को वापस कर दी जाएगी। उसके बाद से न तो आज तक यह धनराशि वितरित की गई और न ही बार काउंसिल को वापस की गई। इसकी शिकायत अधिवक्ता संतोष उपाध्याय ने की है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कोरोना काल में वितरित की जाने वाली धनराशि की मांग की तो उसे भी अपशब्दों का प्रयोग करते हुए भगा दिया और धनराशि नहीं दी गई। इसी को देखते हुए अध्यक्ष व महामंत्री का पंजीकरण अग्रिम आदेश तक निलंबित कर दिया गया। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सचिव ने पत्र जारी कर अगली तिथि को दोनों अधिवक्ताओं को उपस्थित होने व ऐसा न होने का कारण बताने को कहा है। साथ ही स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके इस कृत्य के लिए उनका अधिवक्ता लाइसेंस सदैव के लिए निरस्त कर दिया जाए।