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हरियाणा में बाढ़ की तबाही: अंबाला-भूना में जलमग्न घर, लाडवा में तटबंध टूटा, ड्रेनों में दरार से फसलें बर्बाद

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हरियाणा में मॉनसून की भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। अंबाला और फतेहाबाद के भूना में घरों, स्कूलों और अस्पतालों में पानी घुस गया है। हिसार, सिरसा और झज्जर में ड्रेनों में दरारें आ गईं, जबकि कुरुक्षेत्र के लाडवा में राक्षी नदी का तटबंध टूटने से शहर और आसपास के गांव जलमग्न हो गए।

बारिश और जलभराव से नौ जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और चार जिलों में 30 मकान ढह गए या क्षतिग्रस्त हो गए। आठ लोगों की जान चली गई, और करीब 1,71,665 एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।

अंबाला में जल संकट, टांगरी और मारकंडा नदियां उफान पर
अंबाला में टांगरी नदी के ओवरफ्लो होने से चंदपुरा के पास पानी खेतों में घुस गया, और अंबाला-अमृतसर राजमार्ग पर मनमोहन नगर के सामने मिट्टी धंस गई। मुलाना में मारकंडा नदी का पानी एनएच 344 पर पहुंच गया, जिससे राजमार्ग को एक तरफ से बंद करना पड़ा। 53,565 एकड़ धान की फसल डूब गई, और इंडस्ट्रियल एरिया में 143 फैक्ट्रियों के सामने जलभराव हो गया। कपड़ा मार्केट को भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ।

फतेहाबाद के भूना में बाढ़ जैसे हालात
फतेहाबाद के भूना में 73 गांव जलभराव से प्रभावित हैं, और 600 घरों में पानी घुस गया। करीब 80 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। घग्गर नदी का जलस्तर बढ़कर 14,300 क्यूसेक तक पहुंच गया, जिससे 5,000 एकड़ फसल प्रभावित हुई। हिसार में घग्गर ड्रेन के टूटने से गांव घिराय और कैमरी के पास 300 एकड़ फसलें डूब गईं।

लाडवा में तटबंध टूटने से हाहाकार
कुरुक्षेत्र के लाडवा में राक्षी नदी और ईस्माइलाबाद में मारकंडा नदी के तटबंध तीन स्थानों पर टूट गए, जिससे शहर और आसपास के गांवों में पानी भर गया। एसडीआरएफ ने 35 बच्चों और 200 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

झज्जर, हिसार और सिरसा में ड्रेन टूटने से नुकसान
झज्जर में ड्रेन नंबर-आठ के तेज बहाव से बेरी, साल्हावास और माजरा समेत नौ गांवों में जलभराव हो गया, और 3,000 एकड़ फसलें डूब गईं। हिसार में 60,000 एकड़ फसलें जलमग्न हैं, और 30 गांवों की ढाणियों में पानी भर गया। मिर्जापुर में 20 मकान खाली कराए गए। सिरसा के चौपटा में हिसार घग्गर ड्रेन में दरार आई, जिसे ग्रामीणों ने तत्परता से नियंत्रित किया।

सोनीपत, पानीपत और यमुनानगर में यमुना का कहर
सोनीपत में यमुना नदी का पानी खेतों और घरों में घुस गया, जिससे 41 गांव प्रभावित हुए। गन्नौर में आंधी से 130 खंभे और 38 ट्रांसफॉर्मर गिर गए। पानीपत में यमुना नदी खतरे के निशान 231.50 मीटर पर बह रही है, और 20,000 एकड़ फसल जलमग्न हो गई। जीटी रोड और असंध रोड पर जाम की स्थिति बनी। यमुनानगर में 51 एमएम बारिश के बाद कलेसर, बीबीपुर समेत सात गांवों में यमुना के पानी से कटाव हो रहा है।

फरीदाबाद में पांच फीट तक पानी, राहत कार्य तेज
फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बसंतपुर और आसपास के गांवों में पांच फीट तक पानी भर गया। 27 गांव प्रभावित हैं, जिनमें 14 संवेदनशील हैं। राजपुर में 39 लोगों ने राहत केंद्र में शरण ली, और दुलेहपुर में टीन शेड के नीचे अस्थायी व्यवस्था की गई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड नावों के जरिए लोगों को निकाल रहे हैं।

स्कूल बंद, मकान ढहे
हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, कैथल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला में स्कूल बंद हैं। सोनीपत, रोहतक, सिरसा और यमुनानगर में 30 मकान ढह गए, जिनमें ताजपुर में 17 बकरियां मरीं और सादिकपुर में एक पोल्ट्री फार्म नष्ट हो गया।

सरकारी राहत और मुआवजा
हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर, 2025 तक खुला रखने का फैसला किया है, जहां किसान फसल नुकसान का दावा दर्ज कर सकते हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने राहत कार्यों की समीक्षा की और प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।

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