
पीलीभीत जिले के कलीनगर तहसील के गांव धुरिया पलिया निवासी हवलदार लखविंदर सिंह (38) की सिक्किम में 1 जून 2025 को भूस्खलन में शहादत के बाद 4 जून 2025 की सुबह उनकी पार्थिव देह गांव पहुंची। तिरंगे में लिपटे शहीद को देख पत्नी रुपिंदर कौर, ढाई महीने की बेटी, सात साल का बेटा एकमजोत सिंह, और बुजुर्ग माता-पिता बिलख पड़े। हजारों ग्रामीणों और सेना के जवानों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। भारत माता की जय और लखविंदर सिंह अमर रहें के नारे गूंजे। यह दृश्य हर किसी की आंखें नम कर गया।

4 जून की सुबह करीब 10:30 बजे लखविंदर की पार्थिव देह को सेना के जवानों ने सम्मानपूर्वक उनके घर लाया। जैसे ही ताबूत गांव की सीमा में पहुंचा, ग्रामीणों ने फूलों की मालाओं और नारों के साथ स्वागत किया। सेना के अधिकारियों ने तिरंगा पत्नी रुपिंदर कौर को सौंपा, जो उसे सीने से लगाकर रो पड़ीं। उनकी गोद में ढाई महीने की बेटी और पास में बेटा एकमजोत भी रोते रहे। लखविंदर के बुजुर्ग माता-पिता बदहवास हो गए। शहीद के चाचा और सेवानिवृत्त फौजी जसवीर सिंह ने परिवार को संभाला। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने पुष्प अर्पित किए, और सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
लखविंदर सिंह 2004 में सेना में भर्ती हुए थे और वर्तमान में सिक्किम के लाचेन में चटेन कैंप में तैनात थे। 1 जून 2025 को रात 7 बजे भूस्खलन ने कैंप को तबाह कर दिया, जिसमें लखविंदर, लांस नायक मुनीश ठाकुर, और पोर्टर अभिषेक लखड़ा शहीद हो गए। चार सैनिकों को बचा लिया गया, लेकिन छह अभी लापता हैं। लखविंदर अपनी बेटी के जन्म से पहले 50 दिन की छुट्टी पर आए थे और 20 अप्रैल को ड्यूटी पर लौटे थे।
आखिरी ऑडियो संदेश: लखविंदर ने 31 मई को पत्नी रुपिंदर को आखिरी ऑडियो संदेश भेजा था, जिसमें कहा, “यहां सब ठीक है… बस नेटवर्क की समस्या है। मम्मी-पापा से बात नहीं हो पा रही है। बता देना सब ठीक है, कल बात करूंगा।” यह संदेश सुनकर परिवार को उम्मीद थी कि वह जल्द बात करेंगे, लेकिन अगले दिन उनकी शहादत की खबर ने सबको तोड़ दिया।
रुपिंदर, एकमजोत, और नवजात बेटी के अलावा लखविंदर के माता-पिता और भाई-बहन शोक में डूबे हैं। गांव में मंगलवार से ही सगे-संबंधी और ग्रामीण ढांढस बंधाने पहुंच रहे थे। शहीद के बेटे एकमजोत का रोना देखकर लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। ग्रामीणों ने लखविंदर को एक गर्वित सपूत बताया, जिन्होंने देश के लिए जान दी।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया:
- केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद: “लखविंदर सिंह की शहादत को सलाम, उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं। हम उनके ऋणी रहेंगे।”
- संजय सिंह गंगवार (गन्ना राज्यमंत्री): शहीद के परिवार को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
- जिलाधिकारी (DM), पीलीभीत: शहीद के गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और सहायता का वादा किया।
- सपा और अन्य नेता: समाजवादी पार्टी और स्थानीय विधायक प्रावक्ता नंद ने शहादत को नमन किया।
सिक्किम में भूस्खलन ने तीन लोगों की जान ली और कई को लापता कर दिया। इससे पहले, मई 2025 में तीस्ता नदी में वाहन गिरने से नौ पर्यटक लापता हुए थे। उत्तर प्रदेश में शहीदों के सम्मान की परंपरा रही है। 2021 में सहारनपुर के जवान की शहादत पर योगी सरकार ने 50 लाख रुपये और परिवार को नौकरी दी थी। इस घटना ने पीलीभीत में देशभक्ति और शोक की भावना को एकसाथ जगा दिया।
योगी सरकार ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक आश्रित को नौकरी, और गांव में सड़क का नाम लखविंदर सिंह के नाम पर करने की घोषणा की। सेना और प्रशासन ने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
The post सिक्किम भूस्खलन में शहीद हवलदार लखविंदर सिंह को अंतिम विदाई, पत्नी ने तिरंगे को सीने से लगाकर दी श्रद्धांजलि appeared first on Live Today | Hindi News Channel.