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शशि थरूर का वंशवादी राजनीति पर तीखा प्रहार: नेहरू-गांधी परिवार पर सवाल, कांग्रेस में हंगामा, भाजपा को मिला नया हथियार

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा वंशवादी राजनीति पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में तूफान मचा दिया है। एक लेख में थरूर ने भारत की राजनीति को ‘पारिवारिक व्यापार’ करार देते हुए नेहरू-गांधी परिवार पर सीधा निशाना साधा, जिससे कांग्रेस में बचाव की मुद्रा अपनाई जा रही है। वहीं, भाजपा को यह मुद्दा सोने में सुहागा साबित हो गया है, जो राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।

थरूर का यह लेख ‘इंडियन पॉलिटिक्स आर ए फैमिली बिजनेस’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ, जिसमें उन्होंने वंशवाद को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। अब कांग्रेस नेताओं की तरफ से थरूर के बयान पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जो परिवार के बलिदान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हवाला दे रही हैं।

थरूर के लेख ने मचाया बवाल: क्या लिखा था?

अपने लेख में शशि थरूर ने नेहरू-गांधी परिवार को भारत का सबसे प्रभावशाली राजनीतिक खानदान बताते हुए कहा कि इसकी विरासत आजादी के आंदोलन से जुड़ी है, लेकिन इससे कुछ लोगों को यह भ्रम हो गया कि राजनीति कुछ परिवारों का जन्मसिद्ध अधिकार है। उन्होंने तर्क दिया कि वंशवादी राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है, क्योंकि सत्ता योग्यता, समर्पण या जमीनी जुड़ाव के बजाय खानदान पर आधारित हो जाती है। इससे प्रशासन की गुणवत्ता गिरती है और प्रतिभा का पूल सीमित रह जाता है। थरूर ने लिखा, “राजनीतिक घरानों के सदस्य आम लोगों की चुनौतियों से कटे रहते हैं और वोटरों की जरूरतों का प्रभावी जवाब देने में नाकाम रहते हैं। फिर भी, खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हें जवाबदेह नहीं ठहराया जाता।” उन्होंने अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार, नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के ठाकरे बंधु, बिहार के पासवान और तेजस्वी यादव, पंजाब के बादल परिवार तथा तमिलनाडु के करुणानिधि परिवार का भी उदाहरण दिया। थरूर का यह लेख सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई।

कांग्रेस नेताओं का भड़कना: गांधी परिवार के बलिदान का हवाला

थरूर के आरोपों पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी भड़क उठे। उन्होंने कहा, “पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के सबसे सक्षम प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने अपना जीवन बलिदान देकर खुद को साबित किया। राजीव गांधी ने भी देश सेवा में बलिदान दिया। अगर कोई गांधी परिवार पर वंशवाद का आरोप लगाता है, तो बताएं कि देश में किस अन्य परिवार ने ऐसा समर्पण और क्षमता दिखाई? क्या भाजपा ने?” कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने तर्क दिया कि किसी के पारिवारिक इतिहास के कारण राजनीति में आने से नहीं रोका जा सकता।

उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में जनता फैसला करती है। आप किसी को इसलिए रोक नहीं सकते क्योंकि उसके पिता सांसद थे। यह हर क्षेत्र में होता है—डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, बिजनेसमैन का बेटा बिजनेसमैन। राजनीति अपवाद नहीं।” उदित राज ने गांधी परिवार का बचाव करते हुए कहा कि वंशवाद समाज की सच्चाई है। चुनाव टिकट जाति और परिवार पर बंटते हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर भी वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

भाजपा का तंज: थरूर को ही कर दिया समर्थन

केंद्र की सत्ताधारी भाजपा ने थरूर के बयान को हथियार बनाकर कांग्रेस पर हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर कहा कि थरूर ने नेपोटिज्म के प्रतीक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने लिखा, “डॉ. थरूर खतरों के खिलाड़ी बन गए। नेपो किड या वंशवाद के नवाब पर सीधा प्रहार। 2017 में जब मैंने राहुल गांधी के खिलाफ बोला था, तो आप जानते हैं मेरे साथ क्या हुआ। सर, आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं। फर्स्ट फैमिली बदला जरूर लेगी।”

भाजपा ने इसे कांग्रेस के आंतरिक कलह का सबूत बताते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। पार्टी का कहना है कि थरूर का बयान कांग्रेस की वंशवादी संरचना को उजागर करता है।

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