पाकिस्तान के साथ युद्धविराम के बाद भारत ने सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है। इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पाकिस्तान से सटी सीमा की सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए।
बैठक में चर्चा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में पश्चिमी सीमा की मौजूदा सुरक्षा स्थिति और इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। यह समीक्षा ऐसे समय में की गई है, जब सीमावर्ती क्षेत्रों में गतिविधियों को लेकर सतर्कता बढ़ाई जा रही है। बैठक का मुख्य उद्देश्य देश की सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करना और संभावित खतरों से निपटने की तैयारियों का जायजा लेना था।
भारत-पाक युद्धविराम
हाल के तनाव के बाद 10 मई को शाम 5 बजे पाकिस्तान की अपील पर भारत ने युद्धविराम पर सहमति जताई। भारत से मिली शिकस्त के बाद आतंकियों का पनाहगाह कहलाने वाला पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और तनाव रोकने की गुहार लगाने लगा। भारत ने अपनी शर्तों पर युद्धविराम स्वीकार किया और सख्त चेतावनी दी कि किसी भी आतंकी घटना या गतिविधि को युद्ध की शुरुआत माना जाएगा।
तनाव की वजह: ऑपरेशन सिंदूर
6-7 मई की मध्यरात्रि 1:05 से 1:30 बजे के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस 25 मिनट के ऑपरेशन में 24 मिसाइलों से नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इनमें पांच ठिकाने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में और चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों पर आतंकियों की भर्ती और प्रशिक्षण होता था। इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की भी मौत हुई।
पहलगाम हमले का बदला
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई थी। उस दिन आतंकियों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और हिंदुओं को निशाना बनाकर 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी।
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