
उत्तराखंड में यमुनोत्री हाईवे पर भारी बारिश के कारण छह नए भूस्खलन और भू-धंसाव जोन बन गए हैं, जिससे यात्रा मार्ग पर खतरा बढ़ गया है। जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास पिछले आठ दिनों से हाईवे बंद है, और मानसून के दौरान कुथनौर से जानकीचट्टी तक 12 स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त हुई है।

इनमें स्यानाचट्टी, रानाचट्टी, झर्झर गाड और हनुमान चट्टी-फूलचट्टी जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जहां सड़क धंसने और बहने की घटनाएं हुई हैं। यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर स्यानाचट्टी में पुल के लिए खतरा बन रहा है, जबकि 200-300 मीटर ऊंची चट्टानों से बोल्डर गिरने का जोखिम बना हुआ है।
लगातार बारिश ने हाईवे की मरम्मत में बाधा डाली है। राजमार्ग निर्माण खंड बड़कोट के कार्यकारी अभियंता मनोज रावत ने बताया कि भू-धंसाव और नदी के कटाव के कारण मरम्मत कार्य चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। मशीनरी और मैनपावर के बावजूद, सड़क बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। नौगांव ब्लॉक की प्रमुख सरोज पंवार ने जिला प्रशासन और राजमार्ग निर्माण खंड से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की मांग की है ताकि चारधाम यात्रा सुचारु रूप से चल सके।
मानसून के बाद यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू करने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। डाबरकोट जैसे पुराने भूस्खलन क्षेत्र, जहां पिछले आठ वर्षों से स्थायी समाधान नहीं हो पाया, और नए जोन यात्रियों के लिए खतरा बने हुए हैं। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से यात्रा से बचने और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने की अपील की है।
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