पीएनबी महास्कैंडल से जुड़े मामले में भारत प्रत्यर्पण की दौड़ में फंसे भगोड़े व्यापारी मेहुल चोकसी को एक और बड़ा झटका लगा है। एंटवर्प के एक बेल्जियम कोर्ट ने 17 अक्टूबर 2025 को फैसला सुनाते हुए चोकसी के प्रत्यर्पण के रास्ते में कोई कानूनी बाधा न होने की पुष्टि की। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि चोकसी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई (फेयर ट्रायल) और सुरक्षा मिलेगी।
साथ ही, यह भी माना कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं है और कानून के तहत वह ‘विदेशी नागरिक’ है। कोर्ट ने मामले को राजनीतिक, सैन्य या कर-संबंधी न बताते हुए कहा कि भारत ने चोकसी के खिलाफ उसकी जाति, धर्म या राजनीतिक विश्वासों के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की। चोकसी के 2021 में एंटीगुआ एंड बरबुडा में कथित अपहरण के आरोपों को भी खारिज कर दिया गया, क्योंकि इसके कोई सबूत नहीं मिले।
चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को सीबीआई की प्रत्यर्पण याचिका पर एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, 13,000 करोड़ रुपये के कुल घोटाले में चोकसी ने अकेले 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी। कोर्ट ने चोकसी की गिरफ्तारी को वैध ठहराया और बेल्जियम अभियोजकों को सीबीआई व विदेश मंत्रालय के सहयोग से मजबूत तर्क पेश करने का श्रेय दिया। अभियोजकों ने कोर्ट को बताया कि चोकसी फरार होने का जोखिम बना हुआ है, इसलिए जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। यह फैसला भारत के प्रत्यर्पण प्रयासों के लिए मजबूत वैलिडेशन है, हालांकि चोकसी को बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट में अपील का विकल्प उपलब्ध है। एक अधिकारी ने कहा, “यह बेल्जियम में चोकसी के प्रत्यर्पण कार्यवाही में भारत की पहली बड़ी सफलता है।”
चोकसी जेल में ही बरकरार, बेल याचिकाएं खारिज
66 वर्षीय चोकसी अप्रैल से एंटवर्प की जेल में बंद हैं। उनकी कई बेल याचिकाओं को बेल्जियम अभियोजन पक्ष ने सीबीआई की मदद से खारिज करवा दिया। चोकसी ने कोर्ट में दावा किया था कि भारत में राजनीतिक उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार का खतरा है, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। अप्रैल से सीबीआई ने बेल्जियम अभियोजकों को चोकसी की भूमिका—जिसमें उसके भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ का घोटाला रचने—के तथ्य प्रदान किए। नीरव मोदी यूके में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सामना कर रहा है।
भारत की आश्वासन: जेल में मानवाधिकारों का पालन
भारत ने बेल्जियम को कई आश्वासन दिए हैं, जिसमें चोकसी की सुरक्षा, जेल व्यवस्था, मानवाधिकार और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं। प्रत्यर्पण होने पर चोकसी को मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां अकेलेपन या भीड़भाड़ का कोई खतरा नहीं होगा—कम से कम एक अन्य आर्थिक अपराधी के साथ सेल साझा होगी। 4 सितंबर को गृह मंत्रालय ने संयुक्त सचिव राकेश कुमार पांडे के माध्यम से सूचित किया कि बैरक का व्यक्तिगत स्थान यूरोपीय संघ की टॉर्चर रोकथाम समिति (सीपीटी) के न्यूनतम मानकों के अनुरूप है। जेल में अंग्रेजी व स्थानीय भाषाओं के दैनिक समाचार पत्र, टेरास्ट्रियल टीवी चैनल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीमेडिसिन सेवाएं उपलब्ध हैं।
चोकसी ने 2018 में घोटाले का खुलासा होने से पहले एंटीगुआ में नागरिकता हासिल कर ली थी। भारत और एंटीगुआ के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन 2001 से व्यवस्था चली आ रही है। 2021 में डोमिनिका में उनकी गिरफ्तारी हुई, लेकिन प्रत्यर्पण असफल रहा। 2024 में कैंसर उपचार के लिए वे बेल्जियम पहुंचे, जहां सीबीआई ने उन्हें पकड़ लिया।
2020 में भारत-बेल्जियम के बीच आपसी कानूनी सहायता संधि हुई, जो फरारों पर सहयोग बढ़ाती है। कोर्ट ने एक आरोप—साक्ष्य नष्ट करने (आईपीसी धारा 201)—को बेल्जियम कानून में अपराध न मानते हुए प्रत्यर्पण से बाहर रखा, लेकिन अपराध की समय सीमा (31 दिसंबर 2016 से 1 जनवरी 2019) दोनों देशों में समाप्त नहीं हुई है।
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