
मेरठ में सम्राट मिहिर भोज की जयंती पर बिना प्रशासनिक अनुमति के गुर्जर गौरव यात्रा निकालने की जिद के चलते पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर और आयोजक आकाश गुर्जर सहित कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मवाना और मेरठ शहर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और कमिश्नरी चौराहे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

आकाश गुर्जर ने मवाना में बड़ा महादेव मंदिर से तहसील तिराहा तक मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को गुर्जर गौरव यात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी, जबकि मुखिया गुर्जर कमिश्नरी चौराहे से यात्रा की तैयारी कर रहे थे। प्रशासन ने गुर्जर और राजपूत समाजों के बीच विवाद की आशंका के चलते अनुमति देने से इनकार कर दिया। बावजूद इसके, गुर्जर समाज के लोग यात्रा निकालने और भीड़ जुटाने के लिए जनसंपर्क में जुटे थे, जिससे प्रशासन और खुफिया तंत्र सतर्क हो गया।
मुखिया गुर्जर की गिरफ्तारी और जमानत
मुखिया गुर्जर को सोमवार, 25 अगस्त को परीक्षितगढ़ थाने में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन पर किठौर तिराहे के पास कब्रिस्तान की 500 गज जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप था। यह शिकायत स्थानीय निवासी मोहम्मद इरशाद ने 6 जून को दर्ज कराई थी। पुलिस ने मेरठ-मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर दौराला टोल प्लाजा के पास मुखिया गुर्जर को पकड़ा और एसीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें उसी दिन जमानत मिल गई।
मुखिया गुर्जर ने गिरफ्तारी को राजनीतिक दमन करार देते हुए कहा कि प्रशासन ने झूठे मुकदमे बनाकर उन्हें फंसाया। उनके बेटे और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर गुर्जर ने भी दावा किया कि यात्रा के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन प्रशासन ने षड्यंत्रपूर्वक कार्रवाई की। जमानत के बाद मुखिया गुर्जर ने ऐलान किया कि 26 अगस्त को महापंचायत और यात्रा हर हाल में होगी।
मंगलवार को आकाश गुर्जर की गिरफ्तारी और तनाव
मंगलवार को पुलिस ने मवाना में आकाश गुर्जर को उनके तीन-चार समर्थकों के साथ हिरासत में लिया, जब वे बड़ा महादेव मंदिर से यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रहे थे। इसके अलावा, मुखिया गुर्जर को धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान फिर से गिरफ्तार किया गया। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पर एकत्र हुए कुछ अन्य लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया।
पुलिस और प्रशासन का रुख
पुलिस ने मवाना में भारी फोर्स तैनात की, जिसमें क्यूआरटी टीम और पीएसी शामिल थीं। प्रशासन ने साफ कर दिया कि बिना अनुमति कोई बड़ा आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। मेरठ के एसपी क्राइम अनित कुमार, एसपी देहात कमलेश बहादुर, और एडीएम प्रशासन ने मवाना के बड़ा महादेव मंदिर पर डेरा डालकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। बावजूद इसके, कुछ लोगों ने यात्रा निकालने की कोशिश की, जिसके चलते हंगामा हुआ।
विवाद की पृष्ठभूमि
सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर और राजपूत समाजों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। गुर्जर समाज मिहिर भोज को गुर्जर सम्राट मानता है, जबकि राजपूत समाज उन्हें क्षत्रिय राजपूत मानता है। इस विवाद के चलते मेरठ, सहारनपुर, और दादरी में पहले भी तनाव की स्थिति बन चुकी है। मंगलवार को मवाना में यात्रा के दौरान सपा विधायक अतुल प्रधान और भाजपा के राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए पहुंचे, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और समाज का रोष
पुलिस ने बिना अनुमति यात्रा निकालने के लिए मुखिया गुर्जर, आकाश गुर्जर, सपा विधायक अतुल प्रधान सहित 37 लोगों को नामजद किया और 75 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया और कोर्ट परिसर में गेट फांदकर पहुंचे, जहां उनका कुर्ता-पजामा फट गया। गुर्जर समाज के समर्थकों में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर भारी रोष है, और वे इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं।
आगे की स्थिति
मेरठ में 26 अगस्त को महापंचायत और यात्रा को लेकर तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने किसी भी अनाधिकृत आयोजन को रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं, लेकिन गुर्जर समाज और पथिक सेना का कहना है कि वे हर हाल में सम्राट मिहिर भोज जयंती मनाएंगे। इस स्थिति में कानून-व्यवस्था की चुनौती बढ़ सकती है।
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