मुजफ्फरनगर में शनिवार को एक पागल कुत्ते के हमले में छह नाबालिगों समेत कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए। कुत्ते के हमले की यह घटना बाढ़ गांव में हुई।
बाध गांव के प्रधान के अनुसार, शाम को घर के बाहर खेल रहे बच्चों पर एक पागल कुत्ते ने हमला कर दिया। गांव के प्रधान युद्धवीर सिंह ने बताया, “एक पागल कुत्ता हमारे गांव में घुस आया और लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। छह बच्चे और कई वयस्क घायल हो गए। इससे पहले कि हम कुछ कर पाते, कुत्ता पास के जंगल में भाग गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जिला प्रशासन और वन विभाग को घटना की जानकारी दे दी है।’’ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी सतीश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि कुत्तों के हमले में घायल हुए लोगों को यहां लाकर रेबीज संक्रमण से बचाव की दवा दी गई। सरकार के अनुसार, 2023 तक कुत्तों के काटने के 5 लाख मामले सामने आएंगे, जिनमें 286 लोगों की मौत होगी।
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान कुल 30,43,339 कुत्ते के काटने के मामले सामने आए। वर्ष के दौरान, कुत्ते के काटने से 286 लोगों की मौत हो गई।” स्वास्थ्य मंत्रालय देश में रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद से राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम को क्रियान्वित कर रहा है।
सिंह ने कहा, “इसके अलावा, कुत्तों के काटने के मामलों को नियंत्रित करने के लिए कुत्तों की आबादी का प्रबंधन प्रमुख कार्यों में से एक है। इस संबंध में, कई स्थानीय निकाय पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम और एंटी रेबीज टीकाकरण को लागू कर रहे हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 तैयार किए हैं। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने कुत्तों के प्रबंधन और जिम्मेदार पालतू पालकों की नियुक्ति के लिए जनता और स्थानीय प्राधिकरणों के लिए विभिन्न परामर्श जारी किए हैं।
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