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मुजफ्फरनगर: गंगा और सोलानी नदियों का प्रकोप, 21 गांव बाढ़ की चपेट में, रक्षाबंधन पर संकट

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मुजफ्फरनगर में गंगा और सोलानी नदियों के उफान से खादर क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। 21 से अधिक गांवों में हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गईं, और पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत हो रही है। बाढ़ के सायरन बजते ही लोग जान बचाने के लिए छतों पर चढ़ गए।

प्रशासन ने ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है। रक्षाबंधन के त्योहार के बीच ग्रामीणों का कहना है कि वे उत्सव मनाएं या अपनी जान बचाएं।

गंगा बैराज से बिजनौर जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। रामराज, सयाली, चौहापुर, आलमपुर और अन्य गांवों में पानी भरने से जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। सयाली गांव में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां सड़कों पर पानी भरने से आवागमन रुक गया है। मेरठ और मुजफ्फरनगर के बीच खादर क्षेत्र के गांवों जैसे हाथीपुर गावड़ी, लतीफपुर, चेतावाला और रहड़वा में ग्रामीणों द्वारा बनाए गए कच्चे पुल भी बाढ़ में बह गए। मोरना क्षेत्र के महाराजनगर, खैरनगर और बिहारीगढ़ में जलभराव ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।

किसान किशन सिंह, सत्यदेव और जयपाल ने बताया कि चारे और पेयजल की कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सोलानी नदी के पानी ने खेतों और घरों को डुबो दिया है, जिससे किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं। प्रशासन ने सोलानी नदी पुल पर बाढ़ चौकी स्थापित की है। एडीएम गजेंद्र कुमार, एसडीएम जानसठ जयेंद्र सिंह और तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि सायरन के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है।

कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने पुरकाजी खादर क्षेत्र के गांवों भदोला, फरकपुर, पांचली, रतनपुरी, रजगल्लापुर, रामनगर और धुममनपुरी का दौरा कर ग्रामीणों से फसलों के नुकसान और अन्य समस्याओं की जानकारी ली। ग्रामीणों ने पुरकाजी-लक्सर हाईवे के नीचे लगे लोहे के पुल को हटाने और नदी किनारे के पेड़ों को कटवाने की मांग की। इस दौरान प्रशासनिक और सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।

सोलानी नदी के पानी से शेरपुर नंगला गांव का मुख्य रास्ता टूट गया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप है। ग्रामीणों ने बताया कि रास्तों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, और बाइक जैसे वाहन भी नहीं निकल पा रहे। डॉ. गुलशन कुमार, संदीप कुमार, जॉनी, शेखर, राजा और राहुल जैसे ग्रामीणों ने निजी खर्चे पर खंभों का इंतजाम कर अस्थायी रास्ता बनाया, लेकिन हालात इतने खराब हैं कि कैबिनेट मंत्री और अधिकारी गांव तक नहीं पहुंच सके।

रालोद विधायक मिथलेश पाल और एडीएम गजेंद्र सिंह ने मजलिसपुर तौफीर में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। लक्सर मार्ग पर पानी की अधिकता के कारण छोटे वाहनों का आवागमन रुक गया है। बाढ़ ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, और ग्रामीणों को राहत के लिए प्रशासन पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

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