बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक एक महीने पहले सत्ताधारी NDA गठबंधन में आंतरिक कलह तेज हो गई है। मंगलवार को BJP ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी करते ही सहयोगी दलों में असंतोष की लहर दौड़ा दी।
JD(U) और RLM जैसे प्रमुख सहयोगी चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को मिल रही सीटों के आवंटन से नाराज हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर संकट मंडरा रहा है। नेता ‘सौहार्दपूर्ण’ वार्ता का दावा कर रहे हैं, लेकिन विवादित सीटों पर सहमति न बनने से अभियान की शुरुआत में ही देरी हो गई है।
रविवार को NDA ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला घोषित किया था, जिसमें 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए BJP और JD(U) को 101-101 सीटें मिलीं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की LJP(RV) को 29, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को 6-6 सीटें आवंटित की गईं। लेकिन BJP की 71 उम्मीदवारों वाली पहली सूची ने विवाद को भड़का दिया, खासकर उन ‘क्रिम’ सीटों पर जहां सहयोगी दलों को हिस्सेदारी की उम्मीद थी।
JD(U) ने अपनी कोटा से चिराग पासवान की पार्टी को सीटें देने का विरोध किया है। पार्टी ने सोनबरसा, राजगीर, एकमा और मरवा जैसी चार महत्वपूर्ण सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न बांट दिए हैं, और इन्हें छोड़ने से इनकार कर दिया है। कई दौर की वार्ता के बावजूद JD(U) ने केवल दो सीटें—तरापुर (वर्तमान सीट) और तेघड़ा—छोड़ीं, बदले में BJP से कहलगांव ले ली। नीतीश कुमार की पार्टी ने 70 से अधिक उम्मीदवारों को चिह्न बांट दिए हैं, बिना आधिकारिक सूची जारी किए।
चिराग पासवान की LJP(RV) को भी झटका लगा। BJP ने दानापुर, लालगंज, हिसुआ और अरवल जैसी हाई-प्रोफाइल सीटें नहीं दीं, और इन पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए। अंततः LJP को गोविंदगंज (वर्तमान सीट) और ब्रह्मपुर जैसी दो BJP सीटें मिलीं, जहां LJP उम्मीदवार हुलास पांडे को चिह्न मिल चुका है। चिराग ने शुरू में 40 सीटें मांगी थीं, जो 29 पर सेटल हुईं, लेकिन ‘क्रिम’ सीटों की कमी से असंतोष है।
RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा सबसे ज्यादा नाराज हैं। उनकी पार्टी की कोटा से महुआ सीट चिराग पासवान को देने के फैसले से खफा होकर कुशवाहा ने सभी उम्मीदवारों के चिह्न रोक लिए और आपात बैठक बुलाई। BJP ने रात भर समझाने की कोशिश की, लेकिन कुशवाहा नहीं माने। मंगलवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं दिल्ली जा रहा हूं। NDA में हो रहे फैसलों पर सोचने की जरूरत है। अमित शाह से बात होगी, उम्मीद है सब ठीक हो जाएगा।” कुशवाहा की RLM को उजियारपुर, मधुबनी, सासाराम, दिनारा, महुआ और बाजपट्टी सीटें मिलने की उम्मीद है।
HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपनी 6 सीटों—तकरी, कुटुंबा, अटरी, इमामगंज, सिकंदरा और बरचट्टी—पर उम्मीदवारों को चिह्न बांट दिए हैं। मांझी ने शुरू में 15 सीटें मांगी थीं, लेकिन 6 पर सहमत हो गए। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी पार्टी को कम आंकना NDA के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
2020 के चुनावों में JD(U) ने 115 और BJP ने 110 सीटें लड़ी थीं, जबकि चिराग की पार्टी अकेले लड़ी थी। इस बार बराबरी का फॉर्मूला JD(U) की घटती ताकत को दर्शाता है। NDA का अभियान अब पटरी से उतर गया है।
चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। नामांकन की अंतिम तारीख नजदीक है, और यदि विवाद सुलझा नहीं तो गठबंधन टूटने का खतरा मंडरा रहा है। क्या अमित शाह की मध्यस्थता से ब्रेकथ्रू मिलेगा, यह बिहार की सियासत पर नजरें टिकाए हुए है।
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