बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बीच हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दुर्गा पूजा भी शुरू हो चुका है। इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है।
नीतीश सरकार ने दुर्गा पूजा के मद्देनजर सितंबर 2025 के वेतन को समय से पहले, यानी 25 सितंबर (गुरुवार) से वितरित करने का फैसला किया है। यह कदम कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि आमतौर पर वेतन महीने के अंत में वितरित किया जाता है। इस घोषणा ने राज्य भर के कर्मचारियों में उत्साह और खुशी का माहौल पैदा कर दिया है।
वेतन वितरण का विवरण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की कि दुर्गा पूजा की छुट्टियां 26 सितंबर से शुरू हो रही हैं, जिसके कारण सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने कर्मचारियों को त्योहारी तैयारियों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से सितंबर के वेतन को 25 सितंबर से वितरित करने का निर्णय लिया। यह भुगतान सभी राज्य कर्मचारियों, जिनमें नियमित कर्मचारी, अनुबंध कर्मी, और अन्य स्टाफ शामिल हैं, के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया जाएगा।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। कई कर्मचारियों ने कहा कि समय से पहले वेतन मिलने से वे दुर्गा पूजा की तैयारियां पूरे उत्साह के साथ कर सकेंगे। एक कर्मचारी, राजेश कुमार, ने कहा, “हम महीने के अंत तक वेतन का इंतजार कर रहे थे। अब समय से पहले वेतन मिलने से हमारा परिवार पूरे जोश के साथ पर्व की तैयारी करेगा।” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी कर्मचारियों ने इस कदम की सराहना की, और #BiharDurgaPuja व #NitishKumar जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। एक यूजर ने लिखा, “नीतीश जी ने कर्मचारियों को त्योहार का तोहफा दिया है। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा समर्थन है।”
राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ
यह घोषणा बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आई है, जिसकी अधिसूचना जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। नीतीश कुमार की सरकार ने हाल ही में कई जन-कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि 16.4 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए 802 करोड़ रुपये का हस्तांतरण, 10,000 विकास मित्रों के लिए 25,000 रुपये का एकमुश्त भत्ता, और बेरोजगार स्नातकों के लिए 1,000 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता। इन योजनाओं को विपक्ष ने “चुनावी हथकंडा” करार दिया है, लेकिन जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इसे नीतीश कुमार की “दूरदर्शी सोच” बताया।
विपक्षी दलों, खासकर राजद और कांग्रेस, ने इस कदम को “वोटबैंक की राजनीति” करार दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने X पर लिखा, “नीतीश जी पहले 20 साल में बिहार को कहां ले गए? अब चुनाव से पहले ऐसी घोषणाएं केवल दिखावा हैं।” इसके बावजूद, कर्मचारियों और उनके परिवारों में इस फैसले को लेकर खुशी का माहौल है।
दुर्गा पूजा और GST रिफॉर्म का प्रभाव
यह निर्णय केंद्र सरकार के ‘नेक्स्ट जेन GST रिफॉर्म’ के साथ भी मेल खाता है, जिसके तहत कई आवश्यक वस्तुओं, जैसे नोटबुक, पेंसिल, और जीवन रक्षक दवाओं पर GST को शून्य या 5% कर दिया गया है। इससे त्योहारी खरीदारी में कर्मचारियों को अतिरिक्त राहत मिलेगी। बिहार में दुर्गा पूजा का उत्सव न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, और समय से पहले वेतन वितरण से बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है।
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