बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पुराने मुद्दे ‘जंगलराज बनाम सुशासन’ फिर से गरम हैं, लेकिन इस बार वोटरों का झुकाव रोजगार, महिला सुरक्षा और विकास की ओर साफ दिख रहा है।
लगभग दो दशकों से राज्य की राजनीति का केंद्र बिंदु रहे इन मुद्दों पर एनडीए 2005 के लालू-राबड़ी शासन को याद दिलाकर वोटरों को लुभा रहा है, जबकि महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) नीतीश कुमार सरकार के सुशासन के दावों को खारिज करते हुए युवाओं और महिलाओं के लिए नई योजनाओं का वादा कर रहा है। हालिया सर्वे बताते हैं कि अपराध के पुराने नैरेटिव की चमक फीकी पड़ रही है, और नई पीढ़ी के मतदाता रोजगार-पलायन जैसे मुद्दों पर ज्यादा सतर्क हैं। तेजस्वी यादव सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री चेहरा बनकर उभरे हैं, लेकिन एनडीए को मामूली बढ़त मिलने के संकेत हैं।
अपराध का पुराना मुद्दा: एनडीए का हथियार, महागठबंधन का पलटवार
बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं ने राज्य की छवि को धूमिल किया है, और एनडीए इस मुद्दे को फिर से हवा दे रहा है। जेवीसी प्री-पोल सर्वे (नवंबर 2025) के अनुसार, कानून-व्यवस्था पर 73% वोटर नीतीश सरकार से संतुष्ट हैं, जो लालू युग (10% समर्थन) से कहीं बेहतर माना जा रहा है। एनडीए नेता 2005 के ‘जंगलराज’ को दोहरा रहे हैं, लेकिन महागठबंधन ने मोकामा हत्याकांड और अन्य घटनाओं का हवाला देकर सुशासन के दावों को खोखला बताया है। तेजस्वी यादव ने एनसीआरबी आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार अपराध में शीर्ष पर है, और उनकी सरकार बनने पर 26 नवंबर 2025 से 26 जनवरी 2026 तक सभी अपराधी जेल पहुंच जाएंगे। सी-वोटर सर्वे में 42% वोटर ‘बहुत संतुष्ट’ हैं, लेकिन 12% दोनों पक्षों से असंतुष्ट हैं।
जागरूक वोटर: युवाओं का फोकस रोजगार पर, महिलाओं में एनडीए मजबूत
चुनाव आयोग के आंकड़ों से साफ है कि बिहार के 7.41 करोड़ मतदाताओं में 1.77 करोड़ युवा (18-29 वर्ष) हैं, जो लालू-राबड़ी काल को नहीं देखे। लोकनीति-सीएसडीएस 2020 सर्वे के अनुसार, बेरोजगारी अब 20% वोटरों का प्राथमिक मुद्दा है, जो 2015 के 10% से दोगुना है। युवाओं में 37% ने महागठबंधन को वोट दिया था, जबकि 36% ने एनडीए को। महिलाओं में एनडीए को अधिक समर्थन मिला, इसलिए एनडीए ने जंगलराज नैरेटिव से महिला वोटरों को टारगेट किया है।
इंडिया टुडे-सीवोटर मूड ऑफ द नेशन (अगस्त 2025) में युवा बेरोजगारी और पलायन को प्रमुख चिंता बताया गया, जहां महागठबंधन को 38.3% समर्थन मिला, जबकि एनडीए को 40%।
तेजस्वी-राहुल का हमला: बेरोजगारी-पलायन पर जोर, मोदी-नीतीश पर निशाना
तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, पलायन और स्थानीय नौकरियों की कमी को अभियान का केंद्र बनाया है। महागठबंधन के घोषणापत्र ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ में हर परिवार को एक नौकरी, पुरानी पेंशन बहाली, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को 30 हजार सालाना (एकमुश्त) और किसानों को मुफ्त सिंचाई बिजली का वादा किया गया है।
तेजस्वी ने कहा, “20 दिनों में नौकरी गारंटी कानून लाएंगे।” राहुल गांधी ने पीएम मोदी और नीतीश पर आरोप लगाया कि बिहार दिल्ली के इशारे पर चल रहा है, और महंगाई-असमानता जैसे राष्ट्रीय मुद्दों को स्थानीय समस्याओं से जोड़ा। राहुल ने कहा, “मोदी की विदेश नीति कमजोर है, बीजेपी सिर्फ उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि का प्रचार करती है।” सी-वोटर में तेजस्वी को 36-38% सीएम समर्थन मिला, जो नीतीश (29%) से आगे हैं।
क्या बदलेगा वोटरों का फैसला? सर्वे में एनडीए को बढ़त, लेकिन मुकाबला कांटे का
जेवीसी और सी-वोटर सर्वे में एनडीए को 120-140 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 93-112। लोकपोल में मुकाबला कांटे का दिखा, जहां महागठबंधन को 118-126 सीटें। प्राशांत किशोर की जन सुराज को 9% समर्थन मिला।
अपराध, रोजगार, महिला सुरक्षा और विकास निर्णायक होंगे। युवा वोटर महागठबंधन की ओर झुक रहे हैं, लेकिन महिलाओं में एनडीए मजबूत। अंत में, बिहार के जागरूक मतदाता रोजगार वादों पर यकीन करेंगे या सुशासन नैरेटिव पर—यह 14 नवंबर के नतीजों में साफ होगा।
The post बिहार चुनाव 2025: वोटरों का मिजाज बदल रहा, सर्वे में रोजगार-महिला सुरक्षा ने छीना जंगलराज-सुशासन का ताज; तेजस्वी को सबसे पसंदीदा CM appeared first on Live Today | Hindi News Channel.


