बिहार में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के युवा नेता आकाश आनंद अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बिहार चुनाव की कमान सौंपकर एक बड़ी जिम्मेदारी दी है। आकाश सर्वजन हिताय जागरूकता यात्रा के माध्यम से बिहार की दलित राजनीति में अपनी पहचान बना रहे हैं। उनकी जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ और कार्यकर्ताओं से उनकी मुलाकातें उन्हें एक उभरते हुए नेता के रूप में स्थापित कर रही हैं।
पिछले तीन दशकों से बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटी बसपा को कई बार निराशा हाथ लगी है। पार्टी के कई विधायक जीते, लेकिन अधिकांश ने सत्तारूढ़ दलों का साथ चुन लिया। हाल के चुनाव में जीते एकमात्र विधायक जमां खां भी इसी राह पर चले। इस बार मायावती ने आकाश आनंद पर भरोसा जताया है, जिनके कंधों पर बिहार में पार्टी की साख बचाने की जिम्मेदारी है।
बिहार चुनाव को आकाश के सियासी कॅरिअर के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा माना जा रहा है। अगर वह कुछ सीटें जीतने में सफल रहे, तो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी राजनीतिक भूमिका और मजबूत हो सकती है। अपनी आक्रामक शैली और दलित उत्पीड़न जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के कारण आकाश युवाओं में पहले से ही लोकप्रिय हैं। वह अपनी सभाओं में दावा करते हैं कि दलितों की समस्याओं का समाधान केवल बसपा के पास है।
नवरात्र के कारण उनकी जागरूकता यात्रा को फिलहाल स्थगित किया गया है, लेकिन 4 अक्तूबर से यह फिर शुरू होगी। इस दौरान रैलियां और रोड शो भी आयोजित होंगे। मायावती के निर्देश पर पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम आकाश के सभी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
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