उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संगठन को मजबूत करने के लिए एक और बड़ा फेरबदल किया है। पूर्व जिलाध्यक्ष और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रह चुके वरिष्ठ नेता सरवर मलिक को लखनऊ मंडल का मुख्य प्रभारी नियुक्त किया गया है।
इससे पहले लखनऊ और कानपुर मंडल की जिम्मेदारी संभाल रहे शमसुद्दीन राइन को बर्खास्त कर दिया गया था। इसी क्रम में मुनकाद अली को कानपुर और लखनऊ मंडल की दोहरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मिशन 2027 के तहत संगठन को पुनर्जीवित करने की कवायद तेज कर दी है, जिसमें मुस्लिम भाईचारा संगठन का पुनर्गठन और पश्चिमी यूपी में कई बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा, मायावती ने 1 नवंबर को बामसेफ (ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लॉयी फेडरेशन) की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें पिछड़े वर्गों को शामिल करने पर विचार होगा।
यह फेरबदल बसपा की हालिया रणनीति का हिस्सा है, जो लोकसभा चुनावों में PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले से प्रभावित होने के बाद ‘भाईचारा’ समितियों का गठन कर सभी वर्गों—दलित, पिछड़े, मुस्लिम और ब्राह्मण—को जोड़ने पर केंद्रित है। मायावती ने हाल ही में 16 अक्टूबर को 500 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी, जहां 2027 विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई। संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए सेक्टर सिस्टम को समाप्त कर पुरानी डिविजनल व्यवस्था बहाल की गई है। प्रत्येक डिवीजन में मुख्य कोऑर्डिनेटर और 3-4 अतिरिक्त कोऑर्डिनेटर नियुक्त होंगे।
बामसेफ की बैठक में मायावती अंतिम फैसला लेंगी, लेकिन स्रोतों के अनुसार, इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों पर आधारित इस संगठन को पुनर्जीवित कर पार्टी को आर्थिक और वैचारिक समर्थन देना है। बसपा के शुरुआती दौर में बामसेफ की भूमिका अहम रही, जिसने कांशीराम के नेतृत्व में दलित आंदोलन को गति दी। 2024 में भी ऐसी कोशिश हुई थी, लेकिन सफलता सीमित रही। अब बामसेफ को फिर से सक्रिय कर PDA का मुकाबला करने की योजना है।
बर्खास्त शमसुद्दीन राइन ने कहा, “मायावती मेरी राजनीतिक गुरु हैं। उनका हर फैसला स्वीकार है। उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया, जिसे मैंने ईमानदारी से निभाया। निष्कासन के बावजूद मैं बसपा के मिशन से जुड़ा रहूंगा और मायावती को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करता रहूंगा।” गुटबाजी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उनका ध्येय बसपा को मजबूत करना है।
पश्चिमी यूपी में भी फेरबदल हुए हैं, जहां बामसेफ कन्वीनर और 10 सह-कन्वीनर प्रत्येक जिले में नियुक्त होंगे। यह कदम 2027 चुनावों से पहले बसपा को पुनर्जनन देने की रणनीति का हिस्सा है, जहां पार्टी लोकसभा में 0 सीट पर सिमट गई थी। मायावती ने हाल ही में कांशीराम की पुण्यतिथि पर रैली में एसपी के PDA का जवाब देते हुए कहा था कि बसपा सबका भला करने वाली पार्टी है।
The post बसपा में संगठनात्मक फेरबदल: सरवर मलिक बने लखनऊ मंडल मुख्य प्रभारी, मुनकाद अली को कानपुर-लखनऊ जिम्मेदारी, PDA का जवाब देने की कवायद appeared first on Live Today | Hindi News Channel.




