
पंजाब में बाढ़ ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने पीड़ित किसानों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज घोषित किया है। 8 सितंबर 2025 को कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि बाढ़ प्रभावित किसानों को फसल क्षति के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

यह मुआवजा उन किसानों को मिलेगा जिनकी फसलें 75-100% क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा, सरकार ने ‘जिसदा खेत, उसदी रेत’ योजना शुरू की है, जिसके तहत किसान अपने खेतों में जमा रेत और सिल्ट को निकालकर बेच सकते हैं, बिना किसी अनुमति के। यह योजना 15 नवंबर 2025 तक चलेगी।
बाढ़ का पृष्ठभूमि और प्रभाव
पंजाब में अगस्त 2025 से भारी बारिश और सूतlej, Beas व Ravi नदियों के उफान के कारण चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़ आई है। इससे 23 जिलों के 2,000 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं, और 4.30 लाख एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि डूबी हुई है। खासकर गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, पठानकोट, कपूरथला और फाजिल्का जिलों में धान की फसल बर्बाद हो गई। लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हैं, और रबी फसल की बुआई पर भी संकट मंडरा रहा है क्योंकि खेतों में रेत जमा हो गई है। केंद्र सरकार ने प्रति एकड़ 6,800 रुपये की सहायता दी थी, लेकिन पंजाब सरकार ने अपने संसाधनों से अतिरिक्त 13,200 रुपये जोड़कर कुल 20,000 रुपये किया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अस्पताल से वीडियो संदेश जारी कर कहा, “यह देश में किसी भी राज्य द्वारा घोषित सबसे अधिक मुआवजा है। हम किसानों के साथ खड़े हैं।” मान वर्तमान में मोहाली के एक अस्पताल में भर्ती हैं, जहां से उन्होंने बैठक की अध्यक्षता की।
राहत पैकेज के अन्य उपाय
- मृतकों के परिवारों को: 4 लाख रुपये की अनुदान राशि।
- पशुधन क्षति: प्रभावित पशुओं के लिए वित्तीय सहायता।
- कर्ज राहत: सहकारी समितियों और राज्य कृषि बैंकों से लोन लेने वाले किसानों का कर्ज चुकाने की अवधि 6 महीने बढ़ाई गई; इस दौरान कोई ब्याज नहीं लगेगा।
- रेत निकासी योजना: किसान खेतों से रेत निकालकर बेच सकेंगे, जिससे वे अतिरिक्त आय कमा सकेंगे। जिला खनन अधिकारी और निगरानी समितियां इसकी सुविधा देंगी, बिना जमीन खोदे।
- सर्वे और वितरण: विशेष गिरदावरी (क्षति आकलन) के बाद मुआवजा सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित होगा। कुछ मामलों में चेक भी दिए जाएंगे।
किसानों और विपक्ष की प्रतिक्रिया
कई किसान संगठनों ने मुआवजे को अपर्याप्त बताया है। भाकियू एक्टा डाकोंडा के जगमोहन सिंह ने कहा कि धान की फसल का नुकसान 50,000 रुपये प्रति एकड़ से ज्यादा है, और रेत जमा होने से रबी बुआई प्रभावित होगी। SGPC ने 2 करोड़ रुपये का राहत कोष घोषित किया और 50,000 रुपये प्रति एकड़ की मांग की। विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी 50,000 रुपये प्रति एकड़ और मृत्यु अनुदान को 8 लाख करने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को गुरदासपुर का दौरा करेंगे, जहां वे प्रभावित परिवारों से मिलेंगे। AAP सरकार ने कहा कि यह पैकेज किसानों की मेहनत को सम्मान देने का प्रयास है, और आगे की राहत पर विचार किया जाएगा।
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