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नेपाल संकट: यूपी में हाई अलर्ट, सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी, फंसे भारतीयों के लिए विशेष हेल्पलाइन

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नेपाल में जेन-जी (Gen Z) युवाओं के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और कई मंत्रियों के इस्तीफे के बाद स्थिति बेकाबू हो गई है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने सोशल मीडिया बैन को ट्रिगर बनाकर हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें 19-22 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हो चुके हैं।

संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और सरकारी भवनों पर आगजनी की घटनाओं के बाद नेपाल सेना ने कमान संभाली है। इस संकट का असर भारत पर भी पड़ा है, खासकर उत्तर प्रदेश पर, जो नेपाल से लगी 700 किमी लंबी खुली सीमा साझा करता है। यूपी सरकार ने हाई अलर्ट घोषित कर सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी है।

यूपी में अलर्ट मोड: सीमाओं की सीलिंग और अतिरिक्त फोर्स तैनात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डीजीपी राजीव कृष्ण ने नेपाल से सटे सभी जिलों (महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी) में 24×7 हाई अलर्ट जारी किया है। प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया गया है, और अतिरिक्त पुलिस बल के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स (SSB) की तैनाती की गई है। लगातार पेट्रोलिंग, ड्रोन सर्विलांस और सीसीटीवी निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि न हो सके। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में ‘ऑपरेशन कवच’ सक्रिय है, और किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जाएगा।

सोशल मीडिया पर पैनी नजर: भड़काऊ पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई

यूपी पुलिस की विशेष सोशल मीडिया यूनिट को नेपाल से जुड़ी हर पोस्ट, सूचना या संवेदनशील कंटेंट की लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ, अफवाह फैलाने वाली या सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली सामग्री पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। यह कदम नेपाल के संकट को भारत में फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है, जहां सोशल मीडिया बैन ने ही आंदोलन को जन्म दिया था। पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि मामला संवेदनशील होने पर FIR दर्ज और गिरफ्तारी तक की कार्रवाई हो सकती है।

फंसे भारतीयों के लिए विशेष नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन

नेपाल में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों (मुख्य रूप से पर्यटक, छात्र और व्यापारी) की सहायता के लिए लखनऊ के पुलिस मुख्यालय में कानून-व्यवस्था शाखा के तहत विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसकी कमान एडीजी अमिताभ यश संभाल रहे हैं। कक्ष 24×7 सक्रिय रहेगा, और लोग निम्न हेल्पलाइन नंबर्स पर संपर्क कर मदद मांग सकते हैं:

संपर्क माध्यम नंबर
हेल्पलाइन 1 0522-2390257
हेल्पलाइन 2 0522-2724010
हेल्पलाइन 3 9454401674
व्हाट्सएप 9454401674

इन माध्यमों से फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने, मेडिकल हेल्प या अन्य सहायता प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार ने भी भारतीय दूतावास के माध्यम से नेपाल में फंसे लोगों की सूची तैयार की है, और बिहार-पश्चिम बंगाल सीमाओं से भी रिटर्न की व्यवस्था की गई है।

नेपाल संकट का पृष्ठभूमि और भारत पर प्रभाव

नेपाल सरकार ने 3-4 सितंबर को फेसबुक, यूट्यूब, एक्स, व्हाट्सएप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया था, क्योंकि वे रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए। यह कदम मिसइंफॉर्मेशन और साइबर क्राइम रोकने के लिए था, लेकिन युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आर्थिक संकट के खिलाफ ‘Gen Z’ आंदोलन सोमवार को हिंसक हो गया, जिसमें पुलिस की गोलीबारी से 19 मौतें हुईं। मंगलवार को ओली ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन हिंसा जारी है। भारत ने शोक जताया है और नागरिकों को यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। यूपी में रोटी-बेटी के रिश्तों वाले सीमावर्ती इलाकों में सोशल मीडिया बैन से पहले ही संपर्क टूटा था, अब फोन कॉल्स महंगी पड़ रही हैं।

यह कदम यूपी की कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पड़ोसी देश के संकट को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। स्थिति पर नजर बनी हुई है, और सेना की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है।

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