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नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद नजरबंद: बरेली जाने की घोषणा के बाद छुटमलपुर में पुलिस ने घेरा आवास, भारी बल तैनात

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नगीना से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद को गुरुवार सुबह सहारनपुर के छुटमलपुर में उनके आवास पर पुलिस ने नजरबंद कर लिया। यह कार्रवाई बरेली में 26 सितंबर के ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद के बाद हिंसा के बाद उनकी वहां जाने की घोषणा के बाद की गई।

चंद्रशेखर ने बुधवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा था कि वे बरेली जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे और हालात का जायजा लेंगे। इस ऐलान के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया और उन्हें रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए।

पुलिस की तैनाती और नजरबंदी

बुधवार रात करीब 12 बजे चंद्रशेखर पुरकाजी से अपने छुटमलपुर (हरिजन कॉलोनी) स्थित आवास पहुंचे। इसके तुरंत बाद पुलिस बल वहां पहुंच गया और रातभर निगरानी करता रहा। गुरुवार सुबह सहारनपुर जिले के सात थानों की पुलिस और प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी (PAC) की टुकड़ियां छुटमलपुर में तैनात कर दी गईं। उनके आवास की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए। सिटी सीओ मुनीष चंद्र और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) के सीओ मौके पर मौजूद रहे, और हालात पर कड़ी नजर रखी गई। भारी पुलिस तैनाती के बीच चंद्रशेखर पूरे दिन अपने घर में ही रहे और किसी से मुलाकात नहीं की।

प्रशासन का मकसद: बरेली में तनाव रोकना

पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चंद्रशेखर बरेली न पहुंचें, ताकि वहां पहले से तनावपूर्ण स्थिति और बिगड़ने न पाए। बरेली में दशहरा और जुमा के मौके पर पहले से ही हाई अलर्ट है, और 8,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 26 सितंबर की हिंसा में 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और प्रशासन किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। चंद्रशेखर की नजरबंदी को एहतियाती कदम बताया जा रहा है।

चंद्रशेखर का बयान और विवाद

चंद्रशेखर आजाद, जो भीम आर्मी के संस्थापक भी हैं, ने अपनी एक्स पोस्ट में बरेली हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “बरेली में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। मैं पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहा हूं और वहां की स्थिति का जायजा लूंगा।” उनके इस बयान के बाद से प्रशासन ने उनके मूवमेंट पर रोक लगा दी। आजाद समाज पार्टी के समर्थकों ने इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन” बताते हुए विरोध जताया है, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण कोई प्रदर्शन नहीं हो सका।

बरेली की स्थिति

बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल में पथराव, दुकानों में आगजनी और वाहनों को नुकसान पहुंचा था। मौलवी तौकीर रजा खान की गिरफ्तारी के बाद स्थिति नियंत्रित हुई थी, लेकिन दशहरा और जुमा के कारण प्रशासन अतिरिक्त सतर्क है। ड्रोन निगरानी, रूट मार्च और हेल्पलाइन नंबर (0581-2422202, 0581-2428188) जारी किए गए हैं। कांग्रेस सांसद डेनिश अली और इमरान मसूद ने भी बरेली जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें भी कथित तौर पर रोका गया।

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