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दिवाली पर पीएम मोदी का भावुक पत्र: ‘भगवान राम अन्याय से लड़ना सिखाते हैं, ऑपरेशन सिंदूर इसका जीवंत उदाहरण’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के पावन अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए एक हृदयस्पर्शी पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भगवान श्रीराम को न्याय, धर्म और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक बताया।

पत्र में पीएम ने हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत की नैतिक शक्ति, दृढ़ संकल्प और सशस्त्र बलों की एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने नक्सलवाद से मुक्त जिलों में पहली बार दीप जलने को विकास और शांति की नई किरण बताया, साथ ही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में नागरिकों के योगदान पर जोर दिया।

पत्र की शुरुआत में पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा कि यह दीपावली अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद दूसरी दीपावली है, जो हमें श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश देती है। “भगवान श्रीराम न केवल धार्मिक प्रतीक हैं, बल्कि वे हमें सिखाते हैं कि धर्म का पालन कैसे करें और अन्याय के खिलाफ कैसे डटकर खड़े हों।” पीएम ने जोर देकर कहा कि श्रीराम का साहस आज के भारत में प्रतिबिंबित हो रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर का विशेष उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऑपरेशन (7 से 10 मई को आयोजित) पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें भारत ने न केवल धर्म की रक्षा की, बल्कि अन्याय का कड़ा प्रतिशोध भी लिया। “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने धर्म की रक्षा की और अन्याय का बदला लिया। यह हमारी ताकत, नैतिकता और संकल्प का प्रतीक है। आज का भारत सही के साथ खड़ा होता है और अन्याय का जवाब भी देता है।”

उन्होंने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल और अकाश मिसाइल सिस्टम की भूमिका की सराहना की, जो इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को घुटनों पर लाने में निर्णायक साबित हुए। पीएम ने कहा कि सशस्त्र बलों की असाधारण समन्वयिता ने पाकिस्तान को कुछ ही दिनों में समर्पण करने पर मजबूर कर दिया।

इस पत्र को नवरात्रि और विजयदशमी के संदर्भ में जारी किया गया, जिसमें पीएम ने धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उन्होंने इस दीपावली को विशेष बताते हुए कहा कि कई दूरस्थ जिलों में, जहां पहले नक्सलवाद और माओवादी आतंक का साया था, वहां अब शांति और विकास की रोशनी फैल रही है। “इस बार कई पूर्व नक्सली इलाकों में पहली बार दीप जलेंगे। कई पूर्व उग्रवादी अब मुख्यधारा में लौट आए हैं और संविधान में विश्वास रखते हैं। लाल गलियारे अब विकास गलियारों में बदल रहे हैं।” पीएम ने सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों की प्रशंसा की।

आर्थिक प्रगति पर गर्व जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने हालिया जनरेशन नेक्स्ट सुधारों का उल्लेख किया, जैसे नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी दरों में कमी। “ये ऐतिहासिक उपलब्धियां हैं, जो विकसित भारत का सपना साकार कर रही हैं।”

पत्र के अंत में पीएम मोदी ने देशवासियों से विशेष अपील की। उन्होंने कहा कि यह नए संकल्पों का समय है। हर नागरिक का योगदान आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण है। स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें, सभी भाषाओं का सम्मान करें, स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करें, भोजन में तेल-नमक की मात्रा 10 प्रतिशत तक कम करें तथा योग को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। “जब एक दीप दूसरे को जलाता है, तो प्रकाश और बढ़ता है। आइए, हम सब मिलकर भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।”

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