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दिल्ली में बाढ़ का खतरा: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, प्रशासन हाई अलर्ट पर

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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 205.41 मीटर तक पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, अगले 2-3 दिनों में जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से पानी की रिलीज
बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब 41,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 56,000 क्यूसेक और ओखला बैराज से 46,000 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है। पानी की यह मात्रा 48-50 घंटों में दिल्ली पहुंचती है, जिससे यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। बुधवार रात 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज (ORB) पर जलस्तर 205.35 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है।

प्रशासन की तैयारियां और राहत कार्य
प्रशासन ने यमुना के जलस्तर को 206 मीटर पर पहुंचने पर बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य शुरू करने की योजना बनाई है। प्रीत विहार के एसडीएम संदीप यादव ने बताया कि दिल्ली बोट क्लब में 40 नावों और गोताखोरों की टीम तैनात है। यमुना बाजार, आईटीओ, कश्मीरी गेट, गीता कॉलोनी, और मजनू का टीला जैसे निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। पल्ला क्षेत्र में टेंट और राहत सामग्री की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी, और सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग हाई अलर्ट पर हैं।

पिछले साल की बाढ़ से सबक
2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जो दिल्ली में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर था। उस दौरान आईटीओ, राजघाट, सिविल लाइंस, और रिंग रोड जैसे क्षेत्र जलमग्न हो गए थे, और 25,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा था। वजीराबाद, चंद्रावल, और ओखला जल शोधन संयंत्रों के पंप हाउस में पानी घुसने से 25% जलापूर्ति प्रभावित हुई थी। इस बार प्रशासन ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें नालों की डी-सिल्टिंग, पंप हाउस की सुरक्षा, और 24×7 निगरानी शामिल है।

यमुना किनारे न जाने की अपील
प्रशासन ने लोगों से यमुना के किनारे न जाने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से नियमित अपडेट लेने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने 29-30 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी है, लेकिन यमुना के जलस्तर में जल्द कमी की उम्मीद जताई जा रही है।

प्रभावित क्षेत्र और चुनौतियां
यमुना के बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, और सोनिया विहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 2023 की बाढ़ में इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ था, और इस बार भी प्रशासन इन क्षेत्रों पर विशेष नजर रखे हुए है। वजीराबाद और ओखला बैराज से पानी की निकासी के कारण फरीदाबाद के निचले इलाकों में भी जलभराव की समस्या शुरू हो गई है।

मुख्यमंत्री का आश्वासन
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना बाजार का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि जलस्तर में कमी शुरू हो गई है, और मुख्य सड़कों पर पानी नहीं पहुंचने दिया जाएगा। राहत कैंपों में भोजन, पानी, और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।

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