Home आवाज़ न्यूज़ तीसरी भाषा के बारे में सोचने से पहले दो भाषाओं के फॉर्मूले...

तीसरी भाषा के बारे में सोचने से पहले दो भाषाओं के फॉर्मूले को सफल बनाएं”: पी चिदंबरम

4
0

तमिलनाडु में तीन-भाषा नीति को लागू करने पर विवाद के बाद , कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि हले दो भाषाओं के फॉर्मूले को सफल बनाएं

तमिलनाडु में तीन-भाषा नीति को लागू करने पर विवाद के बाद , कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जब तक दो-भाषा नीति सफल नहीं होती, तब तक तीन-भाषा नीति पर चर्चा करना बेमानी है। पी चिदंबरम ने कहा, “स्कूलों में तीन भाषाएँ पढ़ाई जानी चाहिए। भारत में कोई भी राज्य तीन-भाषा फॉर्मूला लागू नहीं कर रहा है। विशेष रूप से हिंदी भाषी राज्यों में, यह प्रभावी रूप से एक भाषा फॉर्मूला है। आम भाषा हिंदी है, आधिकारिक राज्य भाषा हिंदी है, शिक्षा का माध्यम हिंदी है, और वे जिस विषय का अध्ययन करते हैं वह हिंदी है।

चिदंबरम ने आगे कहा अगर कोई दूसरी भाषा पढ़ाई जाती है, तो वह संस्कृत है, बहुत कम सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षक हैं। और तमिल, तेलुगु और मलयालम शिक्षक का तो सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने आगे कहा कि तमिलनाडु में 52 केंद्रीय विद्यालय हैं जो केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाते हैं।

शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है, और वे या तो हिंदी या संस्कृत पढ़ाते हैं, वे तमिल नहीं पढ़ाते। केंद्र सरकार के केवी में, कोई तीन-भाषा फॉर्मूला नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “पिछले 60 सालों से तमिलनाडु में लगातार सरकारों ने दो भाषा फार्मूला अपनाया है। तमिल शिक्षा का माध्यम है और अंग्रेजी दूसरी भाषा है। लेकिन कई निजी स्कूल हैं जो हिंदी पढ़ाते हैं। सीबीएसई स्कूल, आईसीएसई स्कूल हिंदी पढ़ाते हैं। कोई भी बच्चे को हिंदी सीखने से नहीं रोक रहा है।” उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा भी है जिसकी स्थापना महात्मा गांधी ने करीब 100 साल पहले की थी।

The post तीसरी भाषा के बारे में सोचने से पहले दो भाषाओं के फॉर्मूले को सफल बनाएं”: पी चिदंबरम appeared first on Live Today | Hindi News Channel.

Previous articleनारी शक्ति हर बाधाओं को तोड़ रही है : केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण..
Next articleAMU में मनेगी होली…! राजनीति गरमाने के बाद मिल गई हरी झंडी, कैंपस में उड़ेगा रंग-गुलाल