अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपल को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर वह अमेरिका में बिकने वाले iPhone भारत या किसी अन्य देश में बनाती है, तो उसे 25% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
शुक्रवार को ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैंने बहुत पहले ही एपल के सीईओ टिम कुक को बता दिया था कि मुझे उम्मीद है कि अमेरिका में बिकने वाले iPhone का निर्माण अमेरिका में ही होगा, न कि भारत या कहीं और। अगर ऐसा नहीं होता, तो एपल को कम से कम 25% टैरिफ देना होगा।”
ट्रंप ने यह बात ओवल ऑफिस में दोहराई, जहां उन्होंने परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा, “टिम कुक के साथ मेरी सहमति थी कि वह भारत में संयंत्र नहीं लगाएंगे। भारत जाना ठीक है, लेकिन टैरिफ के बिना आप अमेरिका में बिक्री नहीं कर सकते।” ट्रंप ने सैमसंग सहित अन्य स्मार्टफोन निर्माताओं को भी चेतावनी दी कि यह नियम सभी पर लागू होगा।
पिछले हफ्ते दोहा में उठा था मुद्दा
पिछले हफ्ते मध्य पूर्व के दौरे के दौरान दोहा में ट्रंप ने कहा था, “मुझे टिम कुक से थोड़ी परेशानी हुई थी। मैंने उनसे कहा, ‘टिम, तुम मेरे दोस्त हो। तुम 500 बिलियन डॉलर की घोषणा के साथ अमेरिका आ रहे हो, लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि तुम भारत में संयंत्र लगा रहे हो। मैं नहीं चाहता कि तुम भारत में निर्माण करो। भारत अपना ख्याल खुद रख सकता है।’” ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है, हालांकि भारत सरकार ने इस दावे का खंडन किया है।
एपल की रणनीति और टैरिफ से बचाव
एपल के सीईओ टिम कुक ने मई 2025 की आय कॉल में कहा था कि जून तिमाही तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone भारत में निर्मित होंगे, जबकि iPad, Mac, Apple Watch, और AirPods का उत्पादन वियतनाम में होगा। यह रणनीति अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के कारण चीन से 145% टैरिफ से बचने के लिए अपनाई गई थी। भारत में एपल ने फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे साझेदारों के साथ उत्पादन बढ़ाया है, जिसमें 2024-25 में 22 बिलियन डॉलर मूल्य के iPhone का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष से 60% अधिक है।
भारत में एपल का निवेश
एपल ने भारत में अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए फॉक्सकॉन, टाटा, और पेगाट्रॉन के साथ साझेदारी की है। फॉक्सकॉन ने हाल ही में भारत में 1.5 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है। 2025 में भारत ने 1.5 लाख करोड़ रुपये के iPhone निर्यात किए, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती देता है। हालांकि, ट्रंप के 25% टैरिफ की धमकी से भारत की वैश्विक विनिर्माण हब बनने की महत्वाकांक्षा पर असर पड़ सकता है।
अमेरिका में उत्पादन की चुनौतियां
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में iPhone उत्पादन स्थानांतरित करना अव्यावहारिक और महंगा है। वेडबश सिक्योरिटीज के डैन इव्स के अनुसार, अमेरिका में iPhone की कीमत 1500-3500 डॉलर तक हो सकती है, जो मौजूदा कीमत से तीन गुना अधिक है। इसके अलावा, अमेरिका में कुशल इंजीनियरों और सस्ते श्रम की कमी है, जैसा कि स्टीव जॉब्स ने 2010 में बराक ओबामा को बताया था।
भारत की स्थिति
भारत सरकार और उद्योग सूत्रों ने ट्रंप के बयानों को कमतर करते हुए कहा कि भारत का विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र वैश्विक स्मार्टफोन कंपनियों के लिए आकर्षक है। भारत में एपल की मौजूदगी न केवल निर्यात को बढ़ावा देती है, बल्कि लगभग 2 लाख रोजगार भी सृजित करती है। ट्रंप के दबाव के बावजूद, एपल ने भारत में अपने विनिर्माण विस्तार की योजना को जारी रखने का भरोसा जताया है।
ट्रंप की 25% टैरिफ की धमकी एपल और भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि एपल टैरिफ का बोझ वहन कर सकती है या कीमतों में 100-300 डॉलर की वृद्धि कर सकती है। भारत में कम लागत और बढ़ता विनिर्माण आधार एपल के लिए महत्वपूर्ण है, और यह संभावना कम है कि कंपनी जल्द ही अमेरिका में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करेगी। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता, जो जुलाई तक चल रही है, इस मामले में निर्णायक हो सकती है।
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