केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को कोल्ड्रिफ कफ सिरप के निर्माता कंपनी के खिलाफ सबसे गंभीर धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
यह कार्रवाई मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत से जुड़ी आशंकाओं के बाद की गई है, जहां संदूषित कफ सिरप के सेवन से किडनी फेलियर के मामले सामने आए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) की मात्रा 48.6% पाई गई, जो सुरक्षित सीमा से 480 गुना अधिक है। डीईजी एक विषैला रसायन है, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।
संघ स्वास्थ्य सचिव सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों तथा औषधि नियंत्रकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे, जिसमें कफ सिरपों के तर्कसंगत उपयोग और दवा गुणवत्ता पर चर्चा होगी। सीडीएससीओ ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के छह राज्यों में 19 दवा निर्माण इकाइयों पर जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू कर दिए हैं। इनमें कफ सिरप, एंटीपायरेटिक्स तथा एंटीबायोटिक्स के 19 सैंपल शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सितंबर से अब तक नौ बच्चे किडनी फेलियर से मारे गए, जबकि राजस्थान के सीकर और भरतपुर में दो और मौतें हुईं। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की एक बहुविषयक टीम, जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनईईआरआई), सीडीएससीओ तथा एआईआईएमएस-नागपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं, सैंपलों का विश्लेषण कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सीडीएससीओ द्वारा परीक्षण किए गए छह सैंपल तथा एमपी एफडीए के तीन सैंपल डीईजी/ईजी मुक्त थे, लेकिन ये कोल्ड्रिफ सहित दो संदिग्ध कफ सिरपों के सैंपल नहीं थे। कोल्ड्रिफ के सैंपल तमिलनाडु एफडीए द्वारा परीक्षण किए गए, जिसमें विषाक्त पदार्थ की पुष्टि हुई।
मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप और कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि तथा इलाज करा रहे बच्चों का खर्च वहन करने की घोषणा की। केरल, तमिलनाडु तथा तेलंगाना ने भी सिरप की बिक्री पर रोक लगाई है, जबकि तेलंगाना ने जनता को इसका उपयोग न करने की चेतावनी जारी की। राजस्थान ने कायसंस फार्मा के उत्पादों का वितरण रोका और औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया।
यह घटना 2022 में गैम्बिया और उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों की याद दिलाती है, जहां डीईजी के कारण सैकड़ों बच्चे प्रभावित हुए थे। सीडीएससीओ ने तब से 900 से अधिक निरीक्षण किए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दवा सुरक्षा और निगरानी में पारदर्शिता की कमी बनी हुई है। मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि संदिग्ध बैच की जानकारी स्थानीय नियामकों को दें।
The post कोल्ड्रिफ सिरप विवाद: दवा नियामक CDSCO ने निर्माता कंपनी पर गंभीर अपराधों के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए; एमपी-राजस्थान में बच्चों की मौत से हड़कंप appeared first on Live Today | Hindi News Channel.