तमिलनाडु के करूर जिले में तमिलगा वेट्री कझगम (टीवीके) की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 39 लोगों की मौत और 90 से अधिक लोगों के घायल होने की दुखद घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। मृतकों में 10 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं, जबकि घायलों को करूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
इस भयावह घटना के बाद अभिनेता से नेता बने विजय, जो टीवीके के अध्यक्ष हैं, ने रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
विजय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने बयान में कहा कि करूर की घटना अकल्पनीय है और उनके दिल-दिमाग पर भारी बोझ है। उन्होंने लिखा, “अपने प्रियजनों को खोने का दुख असहनीय है। मेरे पास इस पीड़ा को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। मेरी आंखें और मन शोक से भरे हैं। मैं उन सभी चेहरों को याद करता हूँ, जिनसे मैं मिला। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल जल्द स्वस्थ हों और अपने घर लौटें।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि टीवीके घायलों और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। विजय ने मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा भी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी को “बेहद दुखद” बताते हुए X पर अपनी संवेदना व्यक्त की। PMO ने घोषणा की कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी घटना की जांच के लिए रिटायर्ड जज अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 1 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।
घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। पुलिस ने टीवीके के महासचिव एन. आनंद, संयुक्त महासचिव निर्मल कुमार और करूर जिला सचिव मुथियाझगन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि आयोजकों ने 10,000 लोगों की भीड़ की अनुमति मांगी थी, लेकिन करीब 27,000 लोग जमा हो गए। विजय के निर्धारित समय से छह घंटे देरी से पहुंचने और भीड़ के बेकाबू होने को इस त्रासदी का कारण बताया जा रहा है। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विजय के भाषण के दौरान बिजली कटने और उनके पूर्व मंत्री वी. सेंथिलबालाजी के खिलाफ गीत गाने से भीड़ में उन्माद बढ़ा, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी।
विपक्षी दल AIADMK और BJP ने इस घटना के लिए राज्य सरकार और टीवीके की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। AIADMK नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने सुरक्षा व्यवस्था में चूक का आरोप लगाया, जबकि टीवीके ने दावा किया कि यह हादसा सुनियोजित साजिश का परिणाम हो सकता है। करूर पुलिस ने भीड़ प्रबंधन में कमी और आयोजकों द्वारा पुलिस निर्देशों का पालन न करने को हादसे का कारण बताया।
इस त्रासदी ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि विजय की पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रही है। यह घटना न केवल टीवीके के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के महत्व को भी रेखांकित करती है।
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