उत्तर प्रदेश में मौसम का उतार-चढ़ाव जारी है, और 11 सितंबर से तराई बेल्ट और दक्षिणी जिलों में गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के अनुसार, मानसूनी ट्रफ रेखा उत्तर की ओर खिसकने से मौसम में यह बदलाव देखा जाएगा। विशेष रूप से सोनभद्र, वाराणसी, गोरखपुर, और अन्य पूर्वी व तराई क्षेत्रों के जिलों में सावधानी बरतने की जरूरत है।
मौसम का पूर्वानुमान (11 सितंबर 2025)
- तराई और दक्षिणी जिले: सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सुल्तानपुर, अयोध्या, और अंबेडकर नगर में 11 सितंबर से गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
- वज्रपात की चेतावनी: इन क्षेत्रों में वज्रपात का खतरा बना रहेगा। मौसम विभाग ने लोगों से खुले मैदानों, ऊंचे पेड़ों के नीचे, और बिजली के खंभों से दूर रहने की सलाह दी है।
- तापमान: अधिकतम तापमान 32-35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25-28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। आर्द्रता 70-90% तक रहेगी, जिससे उमस बनी रहेगी।
मौसम की स्थिति (9-10 सितंबर 2025)
- 9 सितंबर: मंगलवार को पूर्वी यूपी के जिलों, जैसे गोरखपुर, कुशीनगर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, और तराई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश हुई। पश्चिमी यूपी में नोएडा, गाजियाबाद, और बागपत में भी हल्की बौछारें दर्ज की गईं।
- 10 सितंबर: पूर्वी और पश्चिमी यूपी में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, यह दिन अपेक्षाकृत स्थिर रहेगा, लेकिन उमस भरी गर्मी बनी रहेगी।
11-13 सितंबर का पूर्वानुमान
- 11 सितंबर: मानसून की सक्रियता बढ़ने से तराई बेल्ट (गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, बहराइच) और दक्षिणी जिलों (सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली) में भारी बारिश शुरू होगी। येलो अलर्ट के तहत इन क्षेत्रों में वज्रपात और तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा) की आशंका है।
- 12-13 सितंबर: बारिश का दायरा पूर्वी और पश्चिमी यूपी दोनों में बढ़ेगा। गोरखपुर, वाराणसी, सोनभद्र, और अन्य पूर्वी जिलों में भारी बारिश की संभावना है। पश्चिमी यूपी में भी नोएडा, गाजियाबाद, और मेरठ जैसे जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
विशेषज्ञों की राय
- लखनऊ के आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि 11 सितंबर से चक्रवाती परिसंचरण और मानसूनी ट्रफ के उत्तर की ओर खिसकने से बारिश की तीव्रता बढ़ेगी।
- बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, 11 सितंबर से पूरे प्रदेश में बेहतर बारिश की संभावना है, जो उमस भरी गर्मी से राहत देगी।
सावधानियां और सलाह
- किसानों के लिए: मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में ज्यादा समय न बिताएं और फसलों को वज्रपात से बचाने के लिए उचित उपाय करें।
- नागरिकों के लिए: वज्रपात के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें, बिजली के उपकरणों का उपयोग कम करें, और बारिश के कारण जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें।
- यात्रियों के लिए: तराई और दक्षिणी जिलों में यात्रा करने वालों को मौसम अपडेट्स पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि भारी बारिश और वज्रपात से सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में 11 सितंबर 2025 से मानसून फिर से सक्रिय होगा, विशेष रूप से तराई और दक्षिणी जिलों जैसे सोनभद्र, वाराणसी, और गोरखपुर में। भारी बारिश और वज्रपात की संभावना को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और निवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षा उपाय अपनाएं।
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