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आगरा: यमुना के खनन गड्ढों में डूबकर किशोरियों की मौत, तीन सगी बहनें शामिल, पुलिस ने कहा ये

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आगरा जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के नगला नाथू गांव में मंगलवार (3 जून, 2025) को यमुना नदी में नहाने गई छह किशोरियों की खनन से बने गहरे गड्ढों में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में तीन सगी बहनें, उनकी चचेरी बहन, एक चचेरा भाई, और एक मौसेरी बहन शामिल हैं। इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया, और यमुना में अवैध खनन से बने मौत के गड्ढों पर प्रशासन की लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

नगला नाथू निवासी सुरेशचंद्र की तीन बेटियां—मुस्कान (18), दिव्या (15), और संध्या उर्फ कंचन (12)—अपने चचेरे भाई दीपेश (14, पिता राजकपूर), चचेरी बहन नैना (14, पिता दिनेश), और नगला रामबल, जलेसर रोड की शिवानी (17, पिता अशोक) के साथ सुबह करीब 10 बजे यमुना नदी में नहाने गई थीं। शिवानी अपने मौसा सुरेशचंद्र के घर आई थी। टेढ़ी बगिया की सोनम (12, पिता अशोक) भी उनके साथ थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ये किशोरियां नहाते समय रील बनाने में व्यस्त थीं और अनजाने में गहरे गड्ढे की ओर चली गईं। एक किशोरी का पैर कीचड़ में फंसने के बाद वह डूबने लगी, और दूसरों ने उसे बचाने की कोशिश में सभी गहरे पानी में चली गईं।

स्थानीय निवासी दीपेश ने अपने दोस्तों के साथ दो किशोरियों—मुस्कान और सोनम—को बचाने की कोशिश की, लेकिन पानी की गहराई के कारण वह केवल उन्हें ही बाहर निकाल सका। दोनों को SN मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। शेष चार किशोरियों—दिव्या, संध्या, नैना, और शिवानी—की मौके पर ही मृत्यु हो गई। पुलिस और स्थानीय गोताखोरों ने डेढ़ किलोमीटर दूर शवों को निकाला।

यमुना नदी में अवैध रेत खनन के कारण बने गहरे गड्ढे इस हादसे का प्रमुख कारण बने। ये गड्ढे पहले भी कई लोगों की जान ले चुके हैं। SANDRP की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में यमुना के गहरे खनन गड्ढों में 6 लोगों की मौत हुई थी, और कुल 17 लोग पिछले 11 महीनों में ऐसे हादसों में मारे गए। नदी तटों पर न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और न ही खतरनाक स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है, जिससे ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों के इलाज और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए। आगरा के डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राम बदन सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि घाटों पर सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं, और गंगा दशहरा के लिए विशेष व्यवस्था होगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बिना सुरक्षा इंतजामों के बच्चों को नदी में नहाने न भेजें।

पुलिस और जांच
सिकंदरा थाना पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए SN मेडिकल कॉलेज भेजा। प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई कि किशोरियां रील बनाते समय गहरे पानी में चली गई थीं। एक मोबाइल फोन से मिले वीडियो में दिखा कि हादसे से पहले किशोरियां नदी किनारे रील बना रही थीं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि खनन गड्ढों के कारण गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे हादसे होते हैं।

प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोगों और परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यमुना में अवैध खनन के कारण बने गड्ढों को न तो चिह्नित किया गया है और न ही उनके आसपास कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग की गई है। पूर्व में भी यमुना में खनन गड्ढों के कारण कई हादसे हो चुके हैं, जैसे कि 2022 में यमुना नगर और सोनीपत में 6 लोगों की मौत। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

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