लगभग 23 महीने बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और वरिष्ठ नेता आजम खान की बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को रामपुर में आमने-सामने मुलाकात हुई। यह मुलाकात आजम खान के निवास पर हुई, जहां दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का हाथ थामे साथ चलते हुए तस्वीरें खिंचवाईं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
अखिलेश का हेलिकॉप्टर सुबह करीब 11:30 बजे जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में उतरा, जहां आजम खान ने उनकी अगवानी की। दोनों एक कार में आजम के घर पहुंचे, और मुलाकात में कोई तीसरा व्यक्ति शामिल नहीं था, जैसा कि आजम ने पहले शर्त रखी थी। यह मुलाकात आजम की सितापुर जेल से रिहाई के बाद पहली थी और करीब एक घंटे तक चली।
मुलाकात का माहौल और महत्व
यह मुलाकात सपा के लिए राजनीतिक और भावनात्मक रूप से अहम मानी जा रही है। आजम खान, जो रामपुर में मुस्लिम समुदाय के बड़े नेता हैं, 2022 में भ्रष्टाचार और भूमि हड़पने के मामलों में जेल गए थे। उनकी रिहाई के बाद सपा नेतृत्व से दूरी की चर्चाएं थीं। अखिलेश की यह यात्रा गिले-शिकवे दूर करने, आजम को मुख्यधारा में वापस लाने और 2027 यूपी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा का हिस्सा मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, दोनों ने सपा संगठन को मजबूत करने, खासकर रामपुर में मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने पर बात की। अखिलेश ने आजम की सेहत का हाल भी पूछा। मुलाकात बसपा प्रमुख मायावती की 9 अक्टूबर को रामपुर में रैली से ठीक पहले हुई, जिसे सपा का जवाबी दांव माना जा रहा है।
सुरक्षा और प्रशासनिक इंतजाम
अखिलेश के दौरे को देखते हुए रामपुर और बरेली में प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए। जौहर यूनिवर्सिटी और आजम के घर के आसपास कई थानों की पुलिस तैनात थी। जिला प्रशासन ने तीन मजिस्ट्रेट और सीओ स्तर के अधिकारियों को तैनात किया, और मोहल्ले की ओर जाने वाले कई रास्तों व दुकानों को बंद कराया गया। बरेली में धारा 163 लागू थी, और खुफिया विभाग ने निगरानी बढ़ा दी। अखिलेश के काफिले के पहुंचने पर जौहर यूनिवर्सिटी के बाहर सपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया, जो नारे लगाते रहे। पुलिस ने मीडिया को आजम के घर से दूर रखा।
सपा कार्यकर्ताओं में जोश, आजम की शर्तें
सपा कार्यकर्ताओं ने अखिलेश के आगमन पर “अखिलेश भैया जिंदाबाद” और “आजम खान जिंदाबाद” के नारे लगाए। रामपुर सपा जिलाध्यक्ष अजीत राय समेत कई वरिष्ठ नेता यूनिवर्सिटी परिसर में मौजूद थे। आजम ने पहले ही स्पष्ट किया था कि वे केवल अखिलेश से मिलेंगे और रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी से कोई मुलाकात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं उन्हें नहीं जानता।” यह बयान सपा के भीतर एकता और नेतृत्व की रणनीति पर सवाल उठाता है।
राजनीतिक संदेश
यह मुलाकात सपा के लिए रामपुर में अपनी पकड़ मजबूत करने और बसपा की रैली का जवाब देने की रणनीति का हिस्सा लगती है। आजम खान का प्रभाव मुस्लिम मतदाताओं पर मजबूत है, और उनकी नाराजगी सपा को नुकसान पहुंचा सकती थी। अखिलेश का दौरा 2027 के चुनावों से पहले पार्टी को एकजुट करने और आजम को विश्वास में लेने का प्रयास है। मुलाकात के बाद अखिलेश दोपहर 3 बजे लखनऊ लौट गए।
The post अखिलेश यादव-आजम खान की रामपुर में 23 महीने बाद मुलाकात: जौहर यूनिवर्सिटी में उतरा हेलिकॉप्टर, गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश; सपा कार्यकर्ताओं में उत्साह appeared first on Live Today | Hindi News Channel.