
गुजरात के भावनगर से गिरफ्तार,फर्जी सीबीआई व एंटी करप्शन अधिकारी बन किया था साइबर फ्रॉड
आजमगढ़: जिले की साइबर थाना पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक के साथ फर्जी CBI व एन्टीकरप्शन के अधिकारी बन कर लगभग 35 लाख रुपये का फ्राड करने वाले 02 अभियुक्त, भावनगर, गुजरात से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार आवेदक द्वारा थाना स्थानीय पर आकर लिखित तहरीर दिया गया कि, किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एक अनजान नम्बर से काल करके अपने आपको सीबीआई का अधिकारी बताते हुए डराकर-धमका कर जांच के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया तथा कई बार में अपने खातों में लगभग 35 लाख रूपये जमा करा लिया गया। जिसके आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 08/2025 धारा 318(4), 319(2), 204, 351(4), 337, 338 BNS व 66C, 66D IT Act बनाम अज्ञात के विरुद्ध पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना विभा पाण्डेय द्वारा सम्पादित की जा रही है। उपरोक्त प्रकरण में जाँच के आधार पर हेमराज मीना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ के निर्देशानुसार विवेचक प्रभारी निरीक्षक विभा पाण्डेय द्वारा उ0नि0 योगेन्द्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम को गठित कर भावनगर गुजरात भेजा गया था। गठित टीम द्वारा तकनीकी सहायता व साक्ष्य के आधार पर अभियुक्तगण की तस्दीक होने पर 02 अभियुक्तों सरवैया कौशिक पुत्र संजय भाई सरवैया, निवासी- ए-डिवीजन, अपोजिट NCC ऑफिस, मफतनगर, बाल्मिकिवास, भावनगर, गुजरात और भगीरथ सिंह जाला पुत्र अरविन्द सिंह, निवासी- 147/B पटेलनगर, मिलिट्री सोसायटी के पीछे चित्रा, भावनगर, गुजरात को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में बताया गया कि हम दोनों साइबर अपराधियों के संपर्क में थे तथा साइबर अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी अधिकारी बनकर लोगों के साथ फ्राड करना तथा फर्जी बैंक खातो में पैसे मंगाकर निकाल लेना तथा पैसों का चैन तोड़ने के लिए जरिये एटीएम व चेक से निकासी कर लेना व निकाले गए पैसों को साइबर अपराधियों द्वारा बताये गए पते पर अंगडियां केन्द्रों (जनसेवा केन्द्र की तरह एक प्रकार की संस्था) के माध्यम से भेजवा देते, जिसके बदले में हमें मोटी रकम कमीशन के तौर मिलती थी। वही , आजमगढ़ पुलिस ने सभी से अपील किया गया कि किसी प्रकार का साइबर अपराध होने पर तुरंत शिकायत दर्ज करें:- सबसे पहले, साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और घटना की जानकारी दें। इसके अलावा, आप राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जितनी जल्दी आप शिकायत दर्ज करेंगे, आपके पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि पासवर्ड और ओटीपी, किसी के साथ साझा न करें। संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी अज्ञात व्यक्ति से मिले ईमेल या मैसेज का जवाब दें। ऑनलाइन लेनदेन करते समय सावधानी बरतें और सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें। अन्जान नम्बरों से आने वाले काल पर सावधानी पूर्वक निर्णय ले। पुलिस द्वारा फोन कर या वीडियो काल कर डिजिटल अरेस्ट करने का कोई कानून नहीं है, ऐसे काल साइबर फ्राड करने वाले फ्राडेस्टर द्वारा किये जाते है, अतः आप सभी ऐसे आने वाले काल से जागरूक रहे व अन्य लोगो को भी जागरूक करें।