प्रमुख स्थानों पर मनोरंजन से लेकर खानपान की सजी थीं दुकानें
दुर्वासा, अवंतिकापुर और भैरव धाम पर रही सर्वाधिक भीड़
आजमगढ़: नदी-सरोवरों के प्रति आज भी हमारी आस्था कितनी गहरी है, इसका प्रमाण शुक्रवार को मिला कार्तिक पूर्णिमा पर। कार्तिक पूर्णिमा पर विभिन्न नदी व सरोवरों में स्नान के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हल्की ठंड के बीच आधी रात के बाद ही स्नान का सिलसिला शुरू हुआ तो दोपहर बाद तक चलता रहा। लोगों ने स्नान-दान व दर्शन-पूजन के बाद मेले का आनंद उठाया। दुर्वासा, अवंतिकापुर और भैरव धाम पर सर्वाधिक भीड़ रही।
फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार-दुर्वाषा धाम स्थिति तमसा-मंजूषा नदियों के संगम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। उसके बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख संमृद्धि की कामना की। उसके बाद मेले में लोगों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदारी किया। मेला परिसर में जरूरत के सामानों के साथ ही मनोरंज की भी व्यवस्था है। घरेलू समानों, खिलौने-गुब्बारे, चोटहिया जलेबी, कृषि यंत्र व श्रृंगार सामग्री की भी खरीददारी हुई।
रानी की सराय में अवंतिकापुरी धाम स्थित सरोवर में शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद मेले में खरीदारी की। साथ ही परंपरागत खिचडी़ दान भी लोगों ने किया। दो किमी परिधि में मेला लगा रहा। लोगों ने खरीदारी की, तो बच्चों ने झूले का आनंद लिया।
वहीं, इस बार मेले का आनंद उठाने के लिहाज से पहुंचे लोगों को भैरव धाम पर निराशा मिली। कारण कि कभी उसुरकुढ़वा ग्राम सभा में आने वाला धाम अब नगर पंचायत का हिस्सा हो गया है और उसका नाम भैरवदासनगर हो गया है। ऐसे में विस्तारीकरण के बाद यहां सुंदरीकरण कार्य शुरू होने से पर्याप्त जगह नहीं थी। रोज के दुकानदार ही अपनी दुकान लगाने पहुंचे थे, जबकि बाहर के दुकानदार और चरखी-झूला लगाने वाले नहीं आए।