
🗓 जिला संवाददाता – राहुल मोदनवाल
📍 शाहगंज (जौनपुर)
186 वर्ष पुरानी श्री रामलीला समिति में अध्यक्ष पद को लेकर चुनावी हलचल तेज हो गई है। रविवार को समिति की बैठक रामलीला भवन पर आयोजित की गई, जिसमें आगामी सत्र 2025-26 के लिए अध्यक्ष पद हेतु चुनाव कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में बंद कमरे में मतदान की प्रक्रिया का विरोध हुआ, जिसके बाद संरक्षक मंडल ने परंपरागत रूप से सार्वजनिक स्थल पर चुनाव कराने की घोषणा की।
नामांकन प्रक्रिया में 9 उम्मीदवार, एक का नामांकन निरस्त
श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया 29 जून से 1 जुलाई के बीच संपन्न हुई, जिसमें कुल 9 उम्मीदवारों ने दावेदारी की। हालांकि सुशील सेठ बागी का नामांकन निरस्त कर दिया गया।
कई उम्मीदवारों ने जताया समर्थन
बैठक में संरक्षक मंडल की मौजूदगी में उम्मीदवारों से चर्चा की गई।
एडवोकेट महेंद्र वर्मा और उमेश जायसवाल ने घनश्याम जायसवाल को समर्थन दिया।
कृष्णकांत सोनी व शैलेश नाग ने सीम प्रकाश अग्रहरि सिंपू का समर्थन किया।
चार उम्मीदवारों के बीच समर्थन मिलने से वे दौड़ से बाहर हो गए, जबकि घनश्याम जायसवाल, विनोद अग्रहरि, कालीचरण जायसवाल, और सीम प्रकाश अग्रहरि सिंपू के बीच सहमति नहीं बन सकी।
बंद कमरे में वोटिंग का विरोध, पारदर्शी चुनाव की मांग
बैठक में बंद कमरे में मतदान की संभावित प्रक्रिया का घनश्याम जायसवाल, कमलेश अग्रहरि, गिरधारी अग्रहरि समेत अन्य सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। इस पर संरक्षक मंडल ने परंपरा के अनुसार सार्वजनिक स्थल गांधीनगर कलेक्टरगंज रामलीला फड़ पर आमसभा के माध्यम से चुनाव कराने का निर्णय लिया।
चुनाव की तिथि जल्द होगी घोषित
संरक्षक रजनीश मोदनवाल ने जानकारी दी कि चुनाव की तिथि आम सहमति और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप तय की जाएगी और इसकी सार्वजनिक सूचना जल्द दी जाए
मनमानी सदस्यता पर सवाल, आम रामभक्त को नए नेतृत्व से उम्मीद
पिछले सत्र में 132 लोगों को ₹1000 शुल्क लेकर सदस्यता दी गई, जिसे लेकर कार्यशैली पर सवाल उठे थे। अब 186 वर्ष पुरानी यह संस्था फिर नए अध्यक्ष की तलाश में है और रामलीला प्रेमी जनता एक कर्मठ और ईमानदार नेतृत्व की अपेक्षा कर रही है, जो परंपराओं को संजोकर आगे बढ़ा सके।