Home जौनपुर Jaunpur News मेडिकल कालेज में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस बड़े उत्साह से मनाया

Jaunpur News मेडिकल कालेज में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस बड़े उत्साह से मनाया

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मेडिकल कालेज में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस बड़े उत्साह से मनाया

जौनपुर 

  उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सिद्दीकपुर जौनपुर में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस बडे ही श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्य  प्रो० डा० रूचिरा सेठी ने कार्यक्रम की शुरूवात करते हुए बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस महान चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 1 जुलाई को मनाया जाता है, जो चिकित्सा क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है। “चिकित्सक न केवल जीवन रक्षक होते हैं, बल्कि वे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। कोविड-19 जैसे संकट में देश भर के डॉक्टरों ने अदम्य साहस व सेवा-भावना का परिचय दिया।” और उन्होंने मेडिकल के सभी चिकित्सकों, प्रशिक्षकों, छात्रों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद देती हूँ, जिन्होंने चिकित्सा के इस पवित्र कार्य को निष्ठा और ईमानदारी से निभाया है। मुझे गर्व है कि हमारे विद्यार्थी न केवल अच्छे चिकित्सक बनने की दिशा में अग्रसर हैं, बल्कि वे भविष्य में एक करूणाशील और उत्तरदायी नागरिक भी बनेंगे।

उप प्रधानाचार्य प्रो० डा० आशीष यादव ने अपने उ‌द्बोधन में कहाः राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस का यह शुभ अवसर न केवल चिकित्सा क्षेत्र के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है, बल्कि यह हमें अनुशासन जैसे मूलभूत मूल्य की महत्ता समझाता है। एक चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी के लिए जितना ज्ञान और कौशल आवश्यक है, उतना ही आवश्यक है अनुशासित जीवन और कार्यशैली। चिकित्सा एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ सटीकता, समय की पाबंदी, नैतिक आचरण और आत्म-नियंत्रण से ही सफलता संभव है। यदि एक चिकित्सक में अनुशासन नहीं है, तो वह न तो अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से कर सकता है और न ही रोगियों में विश्वास जगा सकता है। मैं अपने सभी छात्र-छात्राओं, निवोदित चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों से यह आग्रह करता हूँ कि वे अपने जीवन और कार्य में अनुशासन को सर्वोच्च स्थान दें। अनुशासन ही वह मूल है, जिससे सेवा, समर्पण और उत्कृष्टता की शाखाएँ फूटती है। आज जब हम डा० बी० सी० रॉय जैसे महान चिकित्सक को स्मरण कर रहे हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी सफलता का आधार भी कठोर अनुशासन, कड़ी मेहनत और नैतिक मूल्यों से जुड़ा था।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो० डा० ए०ए० जाफरी ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस दिन का महत्व सिर्फ एक व्यक्ति की स्मृति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समर्पित है उन सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को, जो निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा में लगे हुए हैं। हमारा अस्पताल केवल एक उपचार केंद्र नही है. यह एक सेवा संस्थान है- जहाँ हर मरीज हमारे लिए एक उत्तरदायित्व है। मुझे गर्व है कि हमारे चिकित्सकों, नर्सों और तकनीकी स्टाफ ने न केवल चिकित्सा सेवा को तकनीकी रूप से उत्कृष्ट बनाया है, बल्कि सहानुभूति, संवेदनशीलता और सेवा-भाव को भी बनाए रखा है। हमारा अगला लक्ष्य है अस्पताल में एकीकृत रोगी सेवाओं को और बेहतर बनाना, जिससे प्रत्येक रोगी को समय पर, गुणवत्तपूर्ण और सुलभ चिकित्सा मिल सके। मैं इस मंच से सभी से अनुरोध करता हूँ कि हम मिलकर इस अस्पताल को न केवल शारीरिक उपचार का केंद्र, बल्कि मानवता, करूणा और विश्वास का प्रतीक बनाएं। अन्त में मैं सभी डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को इस राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ और उनके अमूल्य योगदान के लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।

कार्यक्रम के संयोजन डा० आदर्श यादव ने सम्मानित चिकित्सा शिक्षक, प्रिय विद्यार्थियों और सभी उपस्थितजनों का इस गरिमामय अवसर चिकित्सा शिक्षक दिवस पर हार्दिक स्वागत किया। आज का दिन समर्पित है उन महान विभूतियों को, जिनके ज्ञान, मार्गदर्शन और अनुशासन से चिकित्सा का प्रत्येक विद्यार्थी एक श्रेष्ठ चिकित्सक बनता है आइए, हम इस आयोजन के माध्यम से अपने गुरूओं को सादर नमन करें। कार्यक्रम के अन्त में संयोजक द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस अवसर पर प्रो० डा० भारती यादव, प्रो० डा० उमेश सरोज, डा० साधना अजय, डा० सी०बी०एस० कर्नल पटेल डा० दिव्या श्रीवास्तव, डा० सरिता पाण्डेय, डा० राजश्री यादव, डा० विनोद कुमार, डा० विनोद वर्मा, डा० अरविन्द पटेल, डा० जितेन्द्र, डा० चन्द्रभान, डा० ममता, डा० संजीव, डा० कुलदीप, डा० मुदित चौहान, तुमुल नन्दन, डा० नवीन कुमार सिंह, डा० पूजा पाठक, डा० स्तुति, डा० प्रियंका, डा० अर्चना, डा० फरहत फातिमा, डा० अनिल कुमार, डा० श्वेता सिंह इत्यादि चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी, छात्र-छात्रांए व कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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