जौनपुर | आवाज़ न्यूज़
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पत्रकार मनीष यादव, उनकी पत्नी पूनम यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी, आरोपपत्र और सभी प्रकार की कानूनी कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
राजनीतिक दबाव में दर्ज हुए थे मुकदमे: मनीष यादव
पत्रकार मनीष यादव ने बताया कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ राजनीतिक दबाव में गलत तरीके से मुकदमे दर्ज कराए जा रहे थे। मछलीशहर के चर्चित “किसान सेवा केंद्र पेट्रोल पंप” प्रकरण में भी हाईकोर्ट ने सभी कानूनी कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार श्रीवास्तव की प्रभावी पैरवी
उक्त मामले की सुनवाई में यादव परिवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में जोरदार पैरवी की, जिससे मनीष यादव और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली।
क्या है पूरा मामला?
मछलीशहर में पत्रकार मनीष यादव की पत्नी पूनम यादव के नाम पर किसान सेवा केंद्र पेट्रोल पंप संचालित था। बीते दिनों जीरकपुर निवासी संतोष गुप्ता ने कथित रूप से मनगढ़ंत और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई और गलत तरीके से आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
हाईकोर्ट का आदेश: कोई कार्रवाई नहीं होगी
मनीष यादव का आरोप है कि उनका संबंध समाजवादी पार्टी से होने के कारण उन्हें विपक्षियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था। इस पर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की, जिसके बाद न्यायालय ने प्राथमिकी, आरोपपत्र और अन्य कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया।
मानहानि का दावा ठोकेंगे मनीष यादव
पीड़ित पत्रकार मनीष यादव का कहना है कि उन्हें आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने हाईकोर्ट के अधिवक्ता हरीश श्रीवास्तव और जौनपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप कुमार सिंह से कानूनी सलाह लेकर मानहानि का दावा दायर करने की तैयारी की है।
आरोपित संतोष गुप्ता के खिलाफ पहले से कई जांचें लंबित
मनीष यादव ने आरोप लगाया कि संतोष गुप्ता खुद को भाजपा नेता बताकर पेशेवर धोखाधड़ी करता आया है। उसके खिलाफ पहले से कई मामले जांच के दायरे में हैं। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण के आधार पर अन्य मामलों का भी संज्ञान लिया है।