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दवा खाने के दौरान एहतियात और बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति किया जागरूक
पोषाहार से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता आती है और मरीज जल्द स्वस्थ होता है
आदित्य टाइम्स संवाद
बदलापुर / जौनपुर
सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के गौरीशंकर मंदिर सिंगरामऊ स्थित मुख्यालय पर सोमवार को 171 टीबी मरीजों को पोषाहार वितरित किया गया। संस्था द्वारा गोद लिए गए इन मरीजों को स्वास्थ्य तथा दवा खाने के दौरान बरतें जाने वाले एहतियात और सावधानियों के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में ही संस्था प्रमुख डॉ अंजू सिंह ने कहा कि टीबी के इलाज में दवा के साथ ही पोषाहार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। पोषाहार से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता आती है और मरीज का शरीर जल्द टीबी से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि पोषाहार में ज्यादातर प्रोटीन सहित अन्य तरह की पोषक सामग्रियां होती हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने में सक्षम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य 2025 तक देश को क्षयमुक्त बनाने का है। यह बहुत कठिन कार्य है और लोगों के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता।
ठाकुरबाड़ी के मरीजों की सेवा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्य अतिथि अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ एमपी सिंह ने कहा कि किसी बीमारी से स्वस्थ होने में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने स्वस्थ होने के लिए दिनचर्या में कुछ बातों को महत्व देने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि जहां भी रहें कमरा साफ-सुथरा रखें। बिस्तर, पीने का पानी, मंदिर सहित सार्वजनिक स्थानों का साफ-सुथरा होना जरूरी है।
उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं। मेडिटेशन से धैर्य का विकास होगा। साथ ही पाचन क्रिया सही रखने के लिए उन्होंने व्यायाम को जरूरी बताया।
बतौर विशिष्ट अतिथि विश्व स्वास्थ्य संगठन के वाराणसी मंडल के डिवीजनल कंसल्टेंट विनोद कुमार ने टीबी रोगियों का सहयोग करने में जनपद की दो-तीन महत्वपूर्ण संस्थाओं में ठाकुरबाड़ी को सबसे अग्रणी बताया। उन्होंने कहा कि संस्था प्रमुख डॉ अंजू सिंह मरीजों की सेवा में लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने जांच में टीबी की पुष्टि हो जाने पर मरीज को लगातार छह महीने तक नि: शुल्क टीबी का इलाज कराने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान दो महीने में मरीज को आराम हो जाएगा लेकिन दवा खाना किसी भी स्थिति में छह महीने से पहले नहीं बंद करना चाहिए। नहीं तो एमडीआर टीबी हो जाएगा और ज्यादा समय तक इलाज करवाना पड़ेगा।
क्षय उन्मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक सलिल यादव ने कहा कि आज की स्थिति में टीबी इतनी बड़ी बीमारी नहीं रह गई है जिसके लिए बहुत तनाव लिया जाए। टीबी भी डेंगू, मलेरिया, टायफाइड जैसी बीमारी हो चुकी है जो कि पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने टीबी मरीजों से कहा कि आप सबका साथ मिला तो 2025 तक जनपद को टीबी मुक्त बना लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब एक हजार की आबादी पर मात्र एक-दो टीबी मरीज मिलेंगे तब जनपद को टीबी मुक्त समझा जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत के दो महीने यदि बचाव कर लिया जाए तो टीबी नहीं फैलता है। उन्होंने टीबी मरीजों को हवादार कमरे में रहने, तेल-मसाले वाली चीजें खाने से परहेज़ करने, कोल्ड ड्रिंक नहीं पीने, धूम्रपान से बचने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि नवंबर माह से उपचाराधीन टीबी रोगियों के खाते में 500 रुपए की जगह एक हजार रुपए की धनराशि जाएगी। उन्होंने कहा कि जनपद में टीबी रोगियों की सेवा में 80 संस्थाएं लगीं हैं लेकिन टीबी रोगियों की सेवा में ठाकुरबाड़ी का योगदान सबसे अलग है। उन्होंने कहा कि यह संस्था हर महीने टीबी रोगियों को पोषण सामाग्री दे रही है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ अजय तिवारी ने किया। सरस्वती वंदना कंचन ने प्रस्तुत की तथा स्वागत गीत अंजू मिश्रा ने गाया। शम्भू नाथ के नेतृत्व में सांस्कृतिक टीम में गीतों के माध्यम से टीबी लक्षण, उसकी घातकता और इलाज के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम में संस्था की सदस्य नेहा सिंह, लालमनि मिश्रा, मंजू सिंह, सौम्या सिंह, सत्यजीत मौर्या सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।