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जौनपुर, उत्तर प्रदेश
जिले में इन दिनों डीएपी खाद की भारी किल्लत देखी जा रही है। सहकारी समितियों के बार-बार डिमांड करने के बावजूद डीएपी की आपूर्ति नहीं हो रही, जिससे किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, जिम्मेदार अधिकारी इस संकट के बावजूद पूरी तरह लापरवाह नजर आ रहे हैं।
🚜 किसानों की पीड़ा, बाजार में महंगे दाम
जहां सरकार डीएपी का निर्धारित मूल्य लगभग ₹1350 प्रति बोरी तय करती है, वहीं खुले बाजार में यही खाद ₹1550 से ₹1600 तक बेची जा रही है। किसानों को मजबूरी में ऊंचे दाम चुकाने पड़ रहे हैं, जिससे खरीफ फसल की तैयारी भी प्रभावित हो रही है।
🏢 सहकारी समितियों की हालत खराब
खाद की अनुपलब्धता ने सहकारी समितियों के संचालन पर भी संकट खड़ा कर दिया है।
इन समितियों को कोई सरकारी वेतन नहीं मिलता,
कर्मचारी उर्वरक बिक्री से प्राप्त आय से अपना गुजारा करते हैं।
लेकिन जब खाद ही नहीं उपलब्ध है, तो कर्मचारियों के जीवन यापन पर भी संकट मंडरा रहा है।
❌ प्रशासन की निष्क्रियता
जिलाधिकारी और कृषि विभाग की उदासीनता के कारण न सिर्फ किसानों को खाद नहीं मिल पा रही, बल्कि सहकारी संस्थाएं भी बंद होने की कगार पर पहुंच रही हैं। खाद वितरण प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
📣 किसानों और समितियों की मांग
1. सहकारी समितियों को तत्काल डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
2. डीएपी की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगे।
3. समिति कर्मचारियों के वेतन व संचालन के लिए वैकल्पिक सरकारी सहायता मिले।
4. दोषी उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।