
आवाज़ न्यूज़ | जौनपुर
खुटहन। विकासखंड खुटहन क्षेत्र की सभी सहकारी समितियों पर इस समय डीएपी खाद पूरी तरह से नदारद है। आलू और सरसों की बुवाई का सीजन चरम पर है, लेकिन किसान खाद के लिए भटकने को मजबूर हैं। सरकारी मशीनरी और कृषि विभाग की उदासीनता ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
जानकारी के अनुसार, धान सीजन में प्रत्येक समिति को मात्र दो-दो सौ बोरी डीएपी खाद ही उपलब्ध कराई गई थी, जो बमुश्किल कुछ ही किसानों तक पहुंच पाई। अब हालात और भी बदतर हैं — इस समय किसी भी समिति पर एक भी बोरा डीएपी खाद मौजूद नहीं है।
किसानों ने बताया कि अधिकारी और बैंक प्रबंधन के बीच पूरी तरह समन्वयहीनता और लापरवाही के कारण खाद वितरण व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। वहीं निजी विक्रेताओं द्वारा डीएपी खाद की जमाखोरी और काला बाज़ारी खुलेआम की जा रही है, लेकिन विभाग चुप्पी साधे हुए है।
खुटहन विकासखंड की कुल 10 सहकारी समितियां — खुटहन, मरहट, मुबारकपुर, टिकरी खुर्द, भागमलपुर, गभीरन, पट्टी नरेंद्रपुर, पटैला, डीहिया पहाड़ी चक और तिसौली — सभी पर डीएपी खाद की भारी कमी बनी हुई है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही खाद आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो वे प्रशासनिक कार्यालयों का घेराव करेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि खाद आपूर्ति में हो रही लापरवाही की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।