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Jaunpur news आवाज़ न्यूज़ की रिपोर्टिंग का असर: खुटहन क्षेत्र को मिलेगी 24 घंटे बिजली, 25 अगस्त तक के लिए नया शेड्यूल लागू

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आवाज़ न्यूज़ की रिपोर्टिंग का असर: खुटहन क्षेत्र को मिलेगी 24 घंटे बिजली, 25 अगस्त तक के लिए नया शेड्यूल लागू

लगातार जनसमस्याओं को उठाने के बाद आवाज़ न्यूज़ की पहल पर पूर्वांचल विद्युत विभाग ने जारी किया आदेश

जौनपुर (आवाज़ न्यूज़)।

खुटहन क्षेत्र की जनता और किसानों को बड़ी राहत मिली है। अब 132 केवी विद्युत उपकेंद्र शाहगंज से जुड़े 33/11 केवी उपकेंद्र पिलकिच्छा  को 24 घंटे लगातार बिजली आपूर्ति दी जाएगी। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से 25 अगस्त 2025 तक प्रभावी होगी। खास बात यह है कि यह निर्णय आवाज़ न्यूज़ की लगातार और प्रभावशाली रिपोर्टिंग के चलते लिया गया है।

आवाज़ न्यूज़ द्वारा बीते कई हफ्तों से शाहगंज, खुटहन और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में खराब बिजली व्यवस्था, किसानों की समस्याएं और सिंचाई संकट को प्रमुखता से उठाया गया था। इन जनसरोकार की खबरों को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का काम आवाज़ न्यूज़ ने किया, जिसका सीधा असर अब देखने को मिल रहा है।

क्या है नया आदेश?

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी द्वारा जारी पत्र (संख्या: 1312/ईविविनिलि(वा)/तक-प्रथम/विद्युत आपूर्ति) में बताया गया है कि:

132 केवी शाहगंज उपकेंद्र से जुड़ा 33/11 केवी उपकेंद्र पिलिकिच्छा को अब 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाएगी।

वर्तमान शेड्यूल में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही थी, जिससे निजी नलकूपों से सिंचाई पर असर पड़ रहा था।

यह निर्णय किसानों और आम नागरिकों की समस्याओं को देखते हुए लिया गया है।

बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी:

इस व्यवस्था के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अधीक्षण अभियंता (वितरण) एवं अधिशासी अभियंता (वितरण) को सौंपी गई है।

जनता को क्या होगा लाभ:

इस निर्णय से खुटहन क्षेत्र के हजारों किसानों को सीधा फायदा मिलेगा, क्योंकि धान की खेती के इस सीजन में नलकूपों के जरिए सिंचाई की निर्भरता सबसे अधिक होती है। इसके साथ ही स्थानीय नागरिकों को भी राहत मिलेगी जो अब तक बार-बार की लाइट कटौती से परेशान थे।

आवाज़ न्यूज़ की भूमिका:

यह आदेश जनता की आवाज़ को मजबूती से उठाने वाली “आवाज़ न्यूज़” की जनहित पत्रकारिता का परिणाम है। लगातार रिपोर्टिंग, शिकायत पत्र, और स्थानीय प्रशासन को जगाने के प्रयासों ने यह दिखा दिया कि सच जब ज़ोर से बोला जाए, तो व्यवस्था को सुनना पड़ता है।

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