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Jaunpur News अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में वकीलों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

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Aawaz News  | जौनपुर

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ दीवानी और कलेक्ट्रेट के वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा और मांग की कि जब तक संशोधित विधेयक वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा

मुख्य बिंदु:

  • अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन को वकीलों के अधिकारों पर हमला बताया।
  • संशोधित विधेयक को लोकतांत्रिक अस्तित्व के लिए खतरा करार दिया।
  • एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को तत्काल लागू करने की मांग।
  • कहा, सरकार को बिल वापस लेना ही पड़ेगा।

विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया

दीवानी बार अध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव और मंत्री रण बहादुर यादव के नेतृत्व में वकीलों ने कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला। वहां कलेक्ट्रेट बार अध्यक्ष घनश्याम सिंह और मंत्री मनोज मिश्रा के साथ मिलकर प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा

वकीलों का बयान:

अधिवक्ताओं ने कहा कि संशोधन अधिनियम अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ है। इसमें राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर बार काउंसिल के लोकतांत्रिक अस्तित्व को समाप्त करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने इसे “काला कानून” करार देते हुए कहा कि पूरे देश में अधिवक्ता लामबंद हैं और जब तक बिल वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा

वकीलों ने यह भी कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को राष्ट्रपति की सहमति न मिलने से यह साफ है कि सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती। उन्होंने मांग की कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को तुरंत लागू किया जाए और अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 को वापस लिया जाए।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख अधिवक्ता:

ब्रजनाथ पाठक, समर बहादुर यादव, रमेश चंद्र उपाध्याय, प्रेमनाथ पाठक, हिमांशु श्रीवास्तव, देवी प्रसाद सिंह, राजनाथ चौहान, मोहम्मद उस्मान, रूद्र प्रकाश यादव, विनय सिंह, ओम प्रकाश पाल, मृदुल यादव, सुरेंद्र प्रजापति, संजय श्रीवास्तव, वीरेंद्र त्रिपाठी, अवधेश यादव, सी. पी. दुबे, बृजेश निषाद, निलेश निषाद, शैलेश मिश्र, मंजीत कौर, रीता सरोज, बिंदु चौधरी, घनश्याम ओझा, पद्माकर उपाध्याय, आशुतोष उपाध्याय, मनीष सिंह, शहंशाह हुसैन रिजवी, राहुल तिवारी, ध्यान चंद ओझा, मृत्युंजय तिवारी, ज्ञानेंद्र दुबे, अरविंद तिवारी, घनश्याम यादव, शशांक दुबे, विवेक तिवारी, प्रवीण यादव, सत्येंद्र यादव, लाल प्रताप यादव, राजीव मिश्रा, संदीप यादव, जरगाम अहसन, दान बहादुर यादव, श्री प्रकाश यादव, आशुतोष यादव, क्षितिज तिवारी, रामा यादव, विनय उपाध्याय, आशीष शुक्ला, पंकज गौतम, अतुल श्रीवास्तव, सुनील यादव, राजकुमार निषाद, अखिलेश यादव, राजेश प्रजापति सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।

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