
जौनपुर (जफराबाद): वर्ष 2006 में हुई एक महिला की मौत के मामले में अदालत ने गैर इरादतन हत्या के दोषी दो सगे भाइयों को 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹16,000 का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
यह फैसला शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप मौर्य की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सुनाया गया।
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📝 मामले का विवरण:
घटना की तिथि: 28 फरवरी 2006
घटना स्थल: भीखमपुर गांव, थाना जफराबाद, जौनपुर
मृतका: रमतज्जी देवी
अभियुक्त: ताज इंडिया और चंद्रकेश पुत्रगण सोमई
रमतज्जी देवी ने 28 फरवरी को जफराबाद थाने में एनसीआर दर्ज करवाई थी कि वह सुबह 7 बजे अपने दरवाजे पर थीं, तभी गांव के ताज इंडिया व चंद्रकेश वहां आकर खूँटा उखाड़ने लगे। विरोध करने पर दोनों ने लाठी से हमला कर उनके सिर पर प्रहार किया। बीच-बचाव करने आए उनके पति को भी पीटा और गालियाँ दी गईं।
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⚖️ इलाज के दौरान मौत, कोर्ट में FIR के लिए आवेदन
घटना के बाद रमतज्जी देवी का इलाज कराया गया, लेकिन 14 मार्च 2006 को सदर अस्पताल, जौनपुर में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके परिजन शिवनाथ ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत न्यायालय में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करवाने की मांग की।
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👨⚖️ सजा और साक्ष्य:
शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप मौर्य द्वारा प्रस्तुत गवाहों और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्तों को गैर इरादतन हत्या (Section 304 IPC) का दोषी पाया।
न्यायालय ने ताज इंडिया और चंद्रकेश को 7 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹16,000 के जुर्माने से दंडित किया।