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केराकत। क्षेत्र के ग्राम शाहबुद्दीनपुर सोमवार को प्रातः आर्मी के लांस नायक राजेश यादव का पार्थिव शरीर उनके साथी जवानों द्वारा गांव लाया गया। 35 वर्षीय राजेश यादव की मृत्यु 7 दिसंबर को असम के जलपाईगुड़ी में एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। उनके पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने पर भारी भीड़ जमा हो गई। परिवारजनों, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने नम आंखों से अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। गौरतलब है कि जवान का शव सोमवार सुबह उनके पैतृक गाँव शाहबुद्दीनपुर पहुंचा। जैसे ही गांव में उनके आने की सूचना फैली, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। लोग “भारत माता की जय” और “जब तक सूरज चांद रहेगा, राजेश यादव तेरा नाम रहेगा” जैसे नारे लगाते हुए पार्थिव शरीर के साथ चले।
राजेश यादव का अंतिम संस्कार केराकत के सिहौली घाट पर किया गया। वही उनके छह वर्षीय बेटे रियांश ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दृश्य ने वहां मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया।
राजेश यादव अपने पांच भाइयों में तीसरे स्थान पर थे। उनके परिवार में माता मालती देवी, पिता धन्नी लाल यादव (वर्तमान ग्राम प्रधान), पत्नी प्रियंका यादव और दो बेटे रियांश 6वर्ष व अयान्श 4वर्ष हैं। जवान की असामयिक सड़क दुर्घटना में हुई मौत ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। गांव में शोक का माहौल इतना गहरा था कि किसी के घर में चूल्हा तक नहीं जला।