गाजीपुर: भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसी के तहत गाजीपुर जिले में आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए ब्लैकआउट ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास दो चरणों में संपन्न हुआ—दिन में और रात में।
दिन के समय गाजीपुर की ऐतिहासिक अफीम फैक्ट्री में सुरक्षा संबंधी मॉकड्रिल की गई, जिसमें सीआईएसएफ, उत्तर प्रदेश पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्वास्थ्य विभाग की टीमें शामिल रहीं। इस अभ्यास का उद्देश्य किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।
रात में 8 बजे से 8:10 बजे तक पूरे गाजीपुर शहर में ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान सभी सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों, घरों और दुकानों की लाइटें बंद रहीं, जिससे पूरा शहर कुछ मिनटों के लिए अंधेरे में डूब गया। ब्लैकआउट के दौरान प्रशासन और पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आए। लोगों को नियमों का पालन करने और सतर्क रहने की लगातार अपील की गई।
सिर्फ मुख्य शहर ही नहीं, बल्कि दिलदारनगर, सेवराई, सैदपुर, सादात, खानपुर, भांवरकोल, मुहम्मदाबाद और दुल्लहपुर जैसे इलाकों में भी नागरिकों ने ब्लैकआउट के नियमों का पालन करते हुए लाइटें बंद रखीं।
इससे पहले गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर भी आरपीएफ और जीआरपी की टीमों द्वारा आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल की गई। यह सभी अभ्यास युद्ध जैसी स्थितियों से निपटने की तैयारियों का हिस्सा हैं।
प्रशासन का कहना है कि ऐसी ड्रिल्स नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में जनता को सुरक्षित रखा जा सके।