गाजीपुर/भभुआ, शुक्रवार: गाजीपुर जिले के गहमर थाना क्षेत्र की पुलिस द्वारा बिहार के भभुआ जिले से एक युवक को जबरन उठाकर ले जाने का मामला तूल पकड़ गया है। घटना के बाद इलाके में अपहरण की अफवाह फैल गई, जिससे हड़कंप मच गया। मामला बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस के बीच तालमेल की कमी को उजागर करता है।
बिना वर्दी पहुंचे थे यूपी के पुलिसकर्मी
जानकारी के अनुसार, गहमर थाने के प्रभारी निरीक्षक अशेषनाथ सिंह और चार सिपाही—मनोज दुबे, प्रमोद कुमार, शिव कुमार पाल और अमरजीत पाल—बिना वर्दी और अनुमति के भभुआ जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र पहुंचे थे। वहां से उन्होंने एक युवक को जबरन सफेद गाड़ी में बैठाया और ले गए। यह पूरी घटना स्थानीय लोगों के लिए एक रहस्य बन गई, जिससे अफवाहों का बाजार गर्म हो गया।
बिहार पुलिस ने सीसीटीवी से किया खुलासा
घटना के बाद भभुआ के रामगढ़ थानाध्यक्ष राजू कुमार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जांच में स्पष्ट हुआ कि युवक को गाजीपुर पुलिस जबरन ले गई थी। इसके बाद बिहार पुलिस ने गाजीपुर के एसपी डॉ. ईरज राजा से संपर्क किया, जो इस पूरी घटना से अनजान थे।
एसपी ने लिया संज्ञान, पांच पुलिसकर्मी निलंबित
जैसे ही मामला खुला, गहमर थाने में हिरासत में रखे गए युवक को छोड़ दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजीपुर एसपी डॉ. ईरज राजा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गहमर के प्रभारी निरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया और जांच के बाद सभी पांचों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
एसपी डॉ. ईरज राजा ने कहा:
> “दूसरे राज्य में कार्रवाई से पहले अनुमति लेना और सूचना देना अनिवार्य होता है। इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई और सभी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, इसलिए निलंबन की कार्रवाई की गई है।”