
गाजीपुर / मरदह।
मरदह क्षेत्र के सक्कापुर गोविंदपुर गांव निवासी अर्जुन यादव (32) की सऊदी अरब में मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। अर्जुन यादव 2024 में ड्राइवर के तौर पर सऊदी अरब गए थे ताकि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकें। लेकिन अब उनका पार्थिव शरीर वापस लाने के लिए परिवार प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है।
बीमारी के बाद टूट गया संपर्क, अप्रैल में मिली मौत की खबर
परिजनों के अनुसार, अगस्त 2024 में ड्यूटी के दौरान अर्जुन की तबीयत बिगड़ने लगी थी। उन्होंने 27 अगस्त को अपनी पत्नी सुमित्रा देवी से आखिरी बार बात की थी, जिसमें उन्होंने अपनी बीमारी की जानकारी दी थी। इसके बाद गोरखपुर निवासी उनके मित्र वीरेंद्र यादव उन्हें देखने पहुंचे थे।
परिवार को 30 अप्रैल 2025 को वीरेंद्र के माध्यम से अर्जुन की मौत की सूचना मिली।
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे अर्जुन, माता-पिता का पहले ही हो चुका था निधन
अर्जुन यादव तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनकी शादी 2015 में सुमित्रा देवी से हुई थी। माता-पिता का देहांत पहले ही हो चुका था। अर्जुन अपने दो छोटे भाइयों ईश्वर चंद्र यादव और पंकज यादव के साथ मिलकर पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
शव लाने के लिए चल रहा संघर्ष, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति तक पहुंचाई गुहार
परिवार अब अर्जुन का शव भारत लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। छोटे भाई पंकज यादव भारतीय दूतावास पहुंचे हैं, जहां से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, बलिया सांसद सनातन पांडेय, जिलाधिकारी गाजीपुर और यहां तक कि राष्ट्रपति तक पत्र लिखकर मदद की अपील की है।
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की समर्थन की अपील
गांव के लोग और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि अर्जुन यादव का शव जल्द से जल्द भारत लाया जाए ताकि परिवार अंतिम दर्शन कर सकें और उन्हें सम्मानजनक विदाई दी जा सके।