केन्द्रीय अध्यक्ष श्री विभांशु कुमार सिंह जी, महामंत्री श्री अनिल कुमार राठौर केन्द्रीय कोषाध्यक्ष श्री जय प्रकाश यादव, संरक्षक श्री कमल कश्यप, संगठन मंत्री श्री सौरभ कुमार, आजमगढ़ जिला अध्यक्ष श्री वेदप्रकाश यादव मंत्री श्री चंद्रजीत यादव, बरेली जिला मंत्री श्री अवतार सिंह, मऊ जिला अध्यक्ष विजय कुमार फिरोजाबाद अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र प्रताप सिंह आगरा जिला अध्यक्ष श्री ललित कुमार क्षक्रवाल मंत्री श्री चंद्रपाल सिंह अन्य समस्त जिलों के पदाधिकारियों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि निजीकरण अस्वीकार है। उन्होंने बताया कि आर०डी०एस० एस० योजना के अंतर्गत बिजली की आपूर्ति एवं बिजली चोरी में सुधार होने की संभावना है और सुधार भी हो रहा है, उसके बाद प्रबंधन को निजीकरण नहीं करना चाहिए। आर डी एस एस योजना में लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके बिजली आपूर्ति एवं बिजली चोरी में काफी हद तक रुका है। जहाँ जहां पर बिजली निजी कंपनियों के हाथों में है वहा मुनाफा देखकर निजी कंपनियों द्वारा बिजली के दरे उत्तर प्रदेश के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा होंगी एवं निजीकरण से आम उपभोक्ताओं व किसानों को महंगी बिजली मिलेगी। निजीकरण से किसानों को मिल रही मुफ्त बिजली एवं जो सरकार की योजनाएं आती है बिजली के बिल के ब्याज में छूट दी जाती है उस पर भी प्रभाव पड़ेगा। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के किसानों एवं आम उपभोक्ताओं को बिजली सेवा के भाव से विभाग द्वारा आपूर्ति की जाती है क्योंकि यह क्षेत्र आम तौर पर प्रति व्यक्ति की आय यहाँ पर कम है। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के किसान अधिकत्तर अपना पेट पालने के लिए खेती करते हैं। *तकनीशियन कार्मिक कॉमन कैडर में नहीं आते हैं तो इनका समायोजन किस प्रकार से अन्य डिस्कॉम में होगा यह भी प्रबंधन द्वारा साफ नहीं किया गया है।* बैठक में अध्यक्ष श्री विभांशु कुमार सिंह जी द्वारा यह निर्णय किया गया है कि संघ द्वारा निजीकरण के विरोध में तकनीकी कर्मचारी एकता संघ उ०प्र० द्वारा प्रथम चरण में संघ सदस्यों द्वारा 15 दिसंबर को रविवार के दिन संघ सदस्य विभागीय हित में कार्य करने के साथ ही अनिश्चितकालीन तक काली पट्टी बांधेंगे और साथ ही जन जागरुकता अभियान की शुरुआत करेंगे। कार्य के दौरान उपभोक्ताओं को सरकार की एकमुश्त समाधान योजना को सफल बनाने के लिए प्रयास करेंगे एवं कार्यलय काल खत्म होने के पश्चात जनजागरण अभियान चलाएंगे।