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देश की बहनों माताओं के लिए रक्षाबंधन पर 12000 करोड़ का मोदी का सशक्त ,समृद्ध और आत्मनिर्भर स्वस्थ महिला उत्थान के लिए सौगात एक अनुकरणीय पहल -डॉ एन.पी. गांधी

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मोदी सरकार का हर बहन  के लिए धुएं से मुक्ति और आर्थिक राहत का रक्षा-सूत्र

“मन की बात से शुरू हुआ ‘धुएं से मुक्ति’ का संकल्प, अब बन गया देश की बहनों की सुरक्षा का कवच”

✍️डॉ नयन प्रकाश गांधी

रक्षाबंधन, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, जहां भाई अपनी बहन की सुरक्षा का संकल्प लेता है। इसी भावना को चरितार्थ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल का हाल ही के लिए गए निर्णय ने देश की करोड़ों बहनों के लिए एक अनमोल उपहार की सौगात दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना  के लाभार्थियों हेतु 2025-26 तक ₹300 प्रति सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी जारी रखने को मंजूरी दी है, जो कि रक्षाबंधन के पावन अवसर पर देश की बहनों हेतु कुल मिलाकर  ₹12,000 करोड़ का उपहार जरूरतमंद परिवारों के लिए लाया है। यह फैसला सिर्फ एक आर्थिक घोषणा नहीं, बल्कि देश की हर बहन के स्वास्थ्य, सम्मान और आर्थिक सुरक्षा के लिए एक मजबूत रक्षा-सूत्र है।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्भव केवल एक सरकारी योजना के रूप में नहीं हुआ, बल्कि इसका जन्म एक संवेदनशील विचार से हुआ था। 2015 में अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने अत्यंत भावुक होकर  देश के सक्षम और संपन्न परिवारों से एक संवेदनात्मक अपील की थी। उन्होंने कहा था “अगर हम में से कोई एक व्यक्ति अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दे, तो वह पैसा किसी गरीब बहन को धुएं से मुक्ति दिलाकर उसकी जिंदगी बदल सकता है।” यह एक आह्वान था जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया और इसी जनभागीदारी की नींव पर मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य देश के गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था, जिससे उन्हें लकड़ी और गोबर के कंडे जैसे हानिकारक ईंधनों से होने वाले धुएं और बीमारियों से बचाया जा सके। यह योजना केवल गैस सिलेंडर देने तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण,आत्मनिर्भरता ,

स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक पुनीत पहल थी।आज, जब देश भर में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन उपलब्ध हैं,  सब्सिडी का विस्तार सरकार की दूरदर्शिता और समर्पण को दर्शाता है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर एलपीजी की कीमतें अस्थिर हैं। सरकार ने इस कदम से यह सुनिश्चित किया है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के उतार-चढ़ाव का बोझ गरीब परिवारों पर न पड़े । युवा मैनेजमेंट विश्लेषक ,पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट डॉ नयन प्रकाश गांधी बताते है कि 

मई 2022 में, सरकार ने पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए ₹200 प्रति सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी शुरू की थी।अक्टूबर 2023 में, इस सब्सिडी को बढ़ाकर ₹300 प्रति सिलेंडर किया गया, और अब इसे 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है।यह आर्थिक समर्थन परिवारों को रसोई गैस को अधिक किफायती बनाने में मदद करता है और उन्हें नियमित रूप से रिफिल कराने के लिए प्रोत्साहित करता है।इस योजना की सबसे बड़ी सफलता इसके उपभोग के आंकड़ों में देखी जा सकती है। 2019-20 में पीएमयूवाई उपभोक्ताओं की औसत प्रति व्यक्ति खपत (PCC) केवल 3 रिफिल थी, जो 2022-23 में बढ़कर 3.68 हुई और वित्त वर्ष 2024-25 में यह लगभग 4.47 तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सब्सिडी ने न केवल गैस कनेक्शन लेने वालों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि इसने वास्तविक रूप से उनकी जीवनशैली को भी बदला है। आज, महिलाएं हानिकारक धुएं में घंटों खाना पकाने के बजाय स्वच्छ ईंधन का उपयोग कर रही हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य और समय दोनों में सुधार हुआ है।

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“प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसकी समावेशिता है। यह योजना किसी जाति, धर्म या सामाजिक वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य समाज के सबसे कमजोर और वंचित तबकों तक पहुंचना है। प्रधानमंत्री मोदी का मिशन स्पष्ट है कि इस योजना का लाभ अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुस्लिम बहनों, एकल विधवाओं, परित्यक्ता महिलाओं और अन्य सभी पिछड़े वर्गों को मिलना चाहिए। सरकार का मानना है कि इन वर्गों की महिलाओं को सशक्त बनाना ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करना है”

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हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री के  लिए स्वच्छ ईंधन तक पहुंच केवल स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि सम्मान और सुरक्षा का भी है। यह सब्सिडी का विस्तार इन सभी वर्गों के परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करता है, जिससे वे बिना किसी वित्तीय बोझ के एलपीजी का उपयोग जारी रख सकें। यह एक ऐसा कदम है जो सामाजिक न्याय की भावना को और भी मजबूत करता है।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का यह विस्तार सिर्फ एक सब्सिडी योजना नहीं है, बल्कि यह देश के यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के ‘जनसेवा’ के संकल्प का एक सशक्त प्रमाण है। यह फैसला रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर देश की करोड़ों बहनों को दिया गया एक ऐसा उपहार है, जो उन्हें स्वास्थ्य, सम्मान और आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देता है। यह दिखाता है कि एक भाई के रूप में प्रधानमंत्री अपनी बहनों के स्वास्थ्य और खुशहाली को लेकर कितने चिंतित हैं। धुएं से मुक्ति का यह संकल्प अब उनके जीवन की सुरक्षा का अटूट कवच बन गया है, जो ‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ते कदमों में एक मजबूत सामाजिक और आर्थिक नींव का निर्माण कर रहा है।

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